परमात्मा के दिव्य अवतरण का पावन पर्व है शिवरात्रि: बीके मीना

रुड़की/देहरादून (गढ़वाल का विकास न्यूज)। वरिष्ठ राजयोगिनी बीके मीना ने कहा कि जब इस धरा पर  अज्ञान अन्धकार छाया जाता है और मनुष्यात्माएं काम, क्रोध, लोभ, मोह एवं अहंकार रूपी विकारों के वशीभूत हो जाती हैं। तब ऐसे अतिधर्मग्लानि के समय पर मनुष्यों को निर्विकारी और पवित्र बनाने के लिए परमात्मा शिव का दिव्य अवतरण इस धरा पर होता है। शिवरात्रि के उपलक्ष्य में ब्रह्माकुमारीज के स्थानीय सेवा केंद्र पर आयोजित भव्य शिव महोत्सव में हरिद्वार सेवा केंद्र प्रभारी बीके मीना ने बताया कि वास्तव में महाशिवरात्रि शिव के दिव्य अवतरण का ही यादगार है।
 प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित महाशिरात्रि महोत्सव में बोलते हुए रुड़की सेवा केंद्र प्रभारी बीके गीता ने  कहा कि इस समय दुनिया में भौतिक प्रगति बहुत हुई है, लेकिन जीवन मेें सुख और शान्ति कम होती जा रही है। हम सभी चाहते हैं कि यह विश्व सुखमय बने और समाज में सद्भावना हो । लेकिन यह तभी सम्भव है जबकि मनुष्यों के मन में सभी प्राणीमात्र के लिए शुभ भावना और शुभ कामना होगी । यह बड़े ही अफसोस की बात है कि इस दुनिया में इन्जीनियर, डॉक्टर और वकील बनाने के अनगिनत विद्यालय हैं किन्तु इन्सान को अच्छा इन्सान बनाने का एक भी विद्यालय नही है। उन्होने कहा कि यह पुनीत कर्तव्य ब्रह्माकुमारी संस्थान द्वारा किया जा रहा है। इस संस्थान में सिखाए जा रहे राजयोग के सतत् अभ्यास से मन की वृत्तियॉं शुद्घ होती हैं तथा सभी को आत्मिक रूप में समान दृष्टिï से देखने के परिणामस्वरूप समाज में सद्भावना की स्थापना होती है।
शिवरात्रि से सम्बन्धित रस्म-रिवाजों को स्पष्ट करते हुए पंडित नागेंद्र शास्त्री ने कहा कि शिवलिंग पर पानी मिश्रित दूध और दही की धार टपकाने का अभिप्राय है कि हम अपनी बुद्घि का तार सतत् रूप से परमात्मा से जोड़कर रखें, बेलपत्र चढ़ाने का तात्पर्य है कि परमात्मा के प्रति समर्पित भाव रखें तथा अक, धतूरा जैसे सुगन्धहीन और काँटेदार फूल भेंट करने का रहस्य है कि अपनी बुराइयों और विकारों को जो कि कांटों की तरह दु:ख पहुँचाते हैं, परमात्मा को अर्पित कर निर्विकारी और पवित्र बनें। इसी प्रकार सिर्फ एक रात जागने से अविनाशी प्राप्ति नहीं होगी बल्कि अब तो कलियुग रूपी महारात्रि चल रही है, उसमें आत्मा को ज्ञान द्वारा जागृत करना ही सच्चा जागरण है।वही फादर एस के मसीह ने बाइबल का सन्दर्भ देते हुए कहा कि परमात्म ज्योति से ही अज्ञानता का अधंकार दूर किया जा सकता है।उन्होंने ब्रह्माकुमारीज के विश्व शांति योगदान की भूरि भूरि प्रशंसा भी की।मनोचिकित्सक डॉ अहमद ने कहा कि जीवन जीने की जो कला ब्रह्माकुमारीज में सीखने को मिलती है,वह प्रेरणादायक है।पूर्व बैंक प्रबंधक राशिद ने भी ब्रह्माकुमारीज द्वारा दिये जा रहे नैतिक व आध्यात्मिक ज्ञान को अनुकरणीय बताया। संचालन बीके प्रियंका ने किया।इस अवसर पर शिव स्मृति में केक काटकर व शिव ध्वज फहराने के साथ ही दिप प्रज्ज्वलित करके शिव महिमा का गुणगान किया गया। कार्यक्रम में तेजपाल, कृष्ण छाबड़ा,शिवकुमार, श्रीगोपाल नारसन, कल्याण सिंह,लक्ष्मण सिंह,एन के चौधरी आदि मौजूद रहे।

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