देहरादून (गढ़वाल का विकास न्यूज)। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों से हो रहे पलायन को रोकने, युवाओं के स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराना तथा महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना सरकार की प्राथमिकता है। इसी के मद्देनजर राज्य में पिरूल एवं सोलर नीति बनायी गई है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि इनका प्रभावी क्रियान्वयन किया जाए।
पिरूल व सोलर नीति के क्रियान्वयन की समीक्षा में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि इन नीतियों का बेहतर क्रियान्वयन होगा तो राज्य के व्यापक हित में काम होगा। रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, महिलाओं की आय बढ़ेगी और जंगलों को आग से बचाया जा सकेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि व्यापक जनहित से जुड़ी इन योजनाओं को लेकर किसी भी स्तर पर लापरवाही नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पिरूल नीति महिलाओं के आर्थिक स्वावलंबन का प्रमुख जरिया बन सकता है। इससे वनाग्नि को रोकने में मदद मिलने के साथ ही इसमें ऊर्जा व बायोगैस तैयार कर युवाओं को स्वरोजगार भी मिलेगा। उन्होंने कहा कि पिरूल संग्रहण एवं एकत्रीकरण व्यवस्था के तहत दी जाने वाली सब्सिडी के लिए धन की कमी नहीं होने दी जाएगी। इस क्षेत्र में अधिक से अधिक उद्यमी आगे आयें, इसके प्रयास किये जाने चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिरूल की अधिकता पर्वतीय क्षेत्रों में ही है। इसलिए पिरूल नीति पर्वतीय क्षेत्रों की आर्थिकी में भी मजबूती प्रदान कर सकती है। उन्होंने इस क्षेत्र में आ रही व्यावहारिक कठनाइयों के निराकरण के भी निर्देश दिये। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने सोलर नीति की भी समीक्षा की तथा राज्य की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में इसे महत्वपूर्ण बताया। बैठक में मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश, प्रमुख सचिव मनीषा पंवार, आनन्द वर्धन, सचिव वित्त अमित नेगी, राधिका झा, सुशील कुमार, प्रमुख वन संरक्षक जयराज सहित सम्बन्धित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।