देहरादून। प्रदेश कांग्रेस ने कांग्रेस सेवादल की ओर से अमर शहीद ऊधम सिंह की पुण्य तिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि दी। प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि भारत के स्वतंत्रता आन्दोलन की कुछ ऐसी तारीखें हैं जिन्हें कभी भुलाया नहीं जा सकता।
13 अप्रैल 1919 को अमृतसर के जलियावाला बाग में घटी घटना को याद करके आज भी अंग्रेजों के क्रूर अत्याचार की तस्वीरें आंखों को नम कर देती हैं। इस घोर नरसंहार को महान क्रांन्तिकारी उधमसिंह ने अपनी आखों से देखा था क्योंकि वे उस समय वहां उपस्थित लोगों में शामिल थे। शहीद ऊधमंिसह पर इस बर्बरता का इतना असर पड़ा कि उन्होंने उसी वक्त पण्रलिया कि वे इस खून का बदला खून से लेंगे। भारत के स्वाधीनता संग्राम में उधमंिसह एक ऐसा नाम है जिसने अपने देश के लोगों की मौत का बदला अंग्रेजों के घर में जाकर लिया और पंजाब के गवर्नर रहे माईकल ओ डायर को गोलियों से भून दिया। भारत माता के इस सपूत के खिलाफ इस हत्या के कारण लंदन में एक विशेष अदालत में मुकदमा चलाया गया जिसमें शहीद ऊधम सिंह ने वीरता पूर्वक सिर ऊंचा रखते हुए हत्या को स्वीकार किया। अंग्रेज अदालत ने उन्हें फांसी की सजा दी जिसे वे हंसते-हंसते स्वीकार कर फांसी के तख्ते पर झूल गये। कार्यक्रम का संचालन प्रदेश कांग्रेस सेवादल के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश रस्तोगी ने किया। इस अवसर पर सेवादल के कुंवर सिंह यादव, सावित्री थापा, सुशीला देसाई, राजकुमारी क्षेत्री, उद्धिमा टोलिया, लक्ष्मी, अनीश कुरैशी, निशा खान, जसपाल सेठी, अखलाक सावरी, शहजाद अली, मौ. दिलशाद, गंगा, आरती, ज्योति, मंजू, लतांिसह, विद्या देवी, गुड्डी मनराल, संतोष आदि कार्यकर्ता उपस्थित थे।