देहरादून। फिल्मों की शूटिंग पर नियंत्रण के लिए उत्तराखंड सरकार कानून बनाएगी। प्रदेश में फिल्मों की शूटिंग करने आने वाले फिल्म निर्माताओं को प्रदेश सरकार को एक बॉन्ड पर भी दस्तखत करके देना होगा, जिसमें फिल्म की कहानी व विषयवस्तु को लेकर यह वादा होगा कि फिल्म की कहानी प्रदेश की जनता की आस्था को चोट पहुंचाने का काम नहीं किया जाएगा। शुक्रवार को विधानसभा में पत्रकारों से बातचीत में प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने यह जानकारी दी।
उन्होंने शुक्रवार को देशभर में रिलीज हुई केदारनाथ फिल्म पर टिप्पणी करते हुए कहा कि फिल्म बनाना अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है। प्रदेश सरकार ने बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में शासन स्तर पर फिल्म केदारनाथ के प्रदर्शन पर पाबंदी न लगाने का फैसला लिया है, मगर हर जिलाधिकारी अपने-अपने जिले में अपने विवेक से फिल्म के प्रदर्शन होने या न होने बारे में फैसला लें, जिसके बाद देहरादून समेत सात जिलों के जिलाधिकारियों ने केदारनाथ फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगा दी है। जब सतपाल महाराज से पूछा गया कि फिल्म को तो भारतीय सेंसर बोर्ड ने प्रदर्शन की इजाजत दी है तो उन्होंने कहा कि कानून के तहत अगर किसी फिल्म के कारण किसी क्षेत्र में कानून व्यवस्था बिगड़ने की आशंका हो तो जिलाधिकारी के पास यह कानूनी अधिकार है कि वह फिल्म का प्रदर्शन रोक दें। सरकार व जिलाधिकारियों के फैसले से प्रदेश में फिल्मों की शूटिंग में गिरावट आने की आशंका पर महाराज ने कहा कि किसी को ऐसी फिल्म की शूटिंग की इजाजत नहीं दी जा सकती जो उत्तराखंड की भावनाओं को आहत करती हो।