देहरादून। विभागों की लापरवाही का खमियाजा अब बेरोजगारों को भुगतना पड़ेगा। विभिन्न विभागों में सृजित लेकिन तीन वर्ष से रिक्त पदों को प्रदेश सरकार समाप्त करने जा रही है। यदि समय रहते विभागों की ओर से इन पदों पर भर्ती की गई होती तो नौकरी की उम्मीद पाले हजारों बेरोजगारों के सपनों को पंख लग जाते।
सचिवालय में वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने प्रदेश की वित्तीय स्थिति मजबूत करने के संबंध में विभिन्न विभागों की समीक्षा बैठक ली। उन्होंने कहा कि राजस्व वृद्धि के उपाय किए जाएं और मितव्ययिता पर विशेष बल दिया जाए। उन्होंने कहा कि मितव्ययिता मात्र वित्त विभाग का ही कर्तव्य नहीं है बल्कि यह प्रत्येक विभाग को करना है। उन्होंने कहा कि निर्धारित धनराशि से अधिक भुगतान करने वाले विभागीय अधिकारी और वित्त अधिकारी व वित्त नियंत्रक का स्पष्टीकरण लिया जाएगा। उन्होंने पीआरडी और उपनल को ताकीद की कि वे तय सीमा से अधिक भुगतान न करें। वित्त मंत्री ने बैठक में कहा कि समाज कल्याण पेंशन योजना को आधार से जोड़ें और लाभार्थियों का चयन कर परीक्षण कर लें। चिकित्सा विभाग के संदर्भ में कहा गया कि जहां डॉक्टर व कर्मचारी नहीं है, वहां उपकरण न खरीदे जाएं। अनावश्यक पद पर नियुक्ति न की जाए। प्रत्येक विभाग एक अभियान लेकर अपने राजस्व में वृद्धि करें। आबकारी, खनन, स्टाम्प, रजिस्ट्रेशन विभागों को विशेष निर्देश दिए गये।
जीएसटी में प्रोत्साहन जागरूकता कार्यक्रम चला कर रजिस्ट्रेशन के लिए जागरूक किया जाए। जीएसटी के संबंध में संदेह दूर करने के लिए जनपद स्तर पर कार्यशालाएं की जाए। इसमें लोक निर्माण विभाग के अधिकारी, पंजीकृत ठेकेदार, एसोसिएशन रहेंगे। इसमें रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया, भुगतान एवं रिटर्न प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी जाएगी। परिवहन विभाग में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया जनपदों में लागू करने के लिए कार्ययोजना तैयार कर ली जाए। वित्त मंत्री ने विभिन्न विभागों को दिए गए बजट के आवंटन, अवमुक्त और व्यय की समीक्षा करते हुए अभी तक के व्यय पर संतोष व्यक्त किया गया। कुल आवंटित बजट के सापेक्ष 70 प्रतिशत बजट विभिन्न कायरें हेतु व्यय किया गया। प्रत्येक तीन माह पर आवंटन, अवमुक्त और व्यय के बीच सही संतुलन रखने के लिए समीक्षा बैठक किये जाने के निर्देश दिए।