हरिद्वार/देहरादून। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि जो भी अपने कर्तव्यों का निर्वहन प्रतिकूल परिस्थितियों में करता है वास्तव में वह राष्ट्र निर्माता होता है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत की पहचान भारतीय परंपरा, भारतीय संस्कृति और मां गंगा से है।
दिव्य प्रेमसेवा मिशन द्वारा आयोजित कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि लगातार पानी बरसने के बावजूद जिस तरह से पुलिस बल पूरे रास्ते उनके पद की गरिमा के अनुकूल सुरक्षा में लगा हुआ था, वह पुलिस कर्मी सलाम के पात्र है। उनका कहना था कि जो भी व्यक्ति पर प्रतिकूल परिस्थितियों में अपने कर्तव्यों का निर्वहन करता है वह राष्ट्र के निर्माण का काम करता है। उनका कहना था कि राष्ट्र निर्माण और समाज का निर्माण सरकार नहीं, राष्ट्र निर्माताओं और समाज निर्माताओं की वजह से होता है। कहा कि आज देश को ऐसे ही लोगों को की जरूरत है।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि भारत की पहचान विश्व में इंडिया गेट लाल किला आदि से नहीं है, बल्कि भारतीय परंपरा भारतीय संस्कृति और मां गंगा से है। उन्होंने कहा कि उनके द्वारा मां गंगा का पूजन कर उससे आशीर्वाद लिया और उनसे कामना की थी अपने असली रूप में आने के लिए वह किसी सरकारी अभियान का मोहताज ना रहे। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि दिव्य प्रेमसेवा मिशन वह काम कर रहा है, जो राष्ट्र के निर्माण में सहायक सिद्ध होगा। उन्होंने समाज से उस तबके की सहायता को आगे आने का आह्वान किया, जिन्हें समाज में तिरस्कृत कर दिया था।
राज्यपाल डाॅ. कृष्णकांत पाल ने राष्ट्रपति बनने के बाद पहली बार देवभूमि उत्तराखण्ड में आए राष्ट्रपति का सभी उत्तराखण्डवासियों की ओर से हार्दिक स्वागत व आभार जताया। उन्होंने कहा कि पतित पावनी गंगा के तट पर स्थित, दिव्य प्रेम सेवा मिशन से आप वर्षों से जुड़े हैं। यह आपके मानवता के प्रति पे्रम व प्राणि मात्र के प्रति सेवा व संवेदना के भाव को प्रदर्शित करता है। राष्ट्रप्रमुख से पूरा राष्ट्र निश्चित रूप से प्रेरणा प्राप्त करेगा। दिव्य सेवा प्रेम मिशन के सेवा कुंज परिसर में संचालित चिकित्सालय में कुष्ठ रोगियों व समाज के अन्य कमजोर तबकों के लोगों की सेवा सुश्रुषा की जा रही है, जो वाकई सराहनीय है।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि दिव्य प्रेम सेवा मिशन के आशीष गौतम द्वारा सेवा कार्य का अपना अलग महत्व है क्योंकि मिशन के माध्यम से जिन कुष्ठ रोगियों व उनके बच्चों की देखभाल व चिकित्सा की जाती है, उन्हें समाज में व उनके स्वयं के परिवारों द्वारा भी नहीं की जाती। इन रोगियों को मिशन की ओर से जो सहायता दी जा रही हैं, वह पूरे समाज के लिए एक उदाहरण है। इस मौके पर आचार्य श्री बालकृष्ण एवं आशीष गौतम ने महामहिम व उनकी धर्मपत्नी को गंगाजली, रूद्राक्ष माला एवं शाॅल भेंट किया।