योग दुनिया की सबसे बड़ी जोड़ने वाली ताकत में से एक, दुनिया में हर जगह योग ही योग
देहरादून। योग को दुनिया की सबसे बड़ी जोड़ने वाली ताकत में से एक बताते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि हिंदुस्तान ने खुद को योग से जोड़ा तो दुनिया भी उससे जुड़ती चली गयी। उन्होंने कहा कि दुनिया में हर जगह योग ही योग है। योग मन, शरीर, बुद्धि और आत्मा को जोड़कर जीवन में शांति की अनुभूति कराता है।
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर देहरादून के भारतीय वन अनुसंधान संस्थान (एफआरआइ) परिसर में आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैं देवभूमि उत्तराखंड की इस पावन धरती से दुनिया को चतुर्थ अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की बधाई देता हूं। मां गंगा की इस धरती, जहां चारधाम स्थित हैं और स्वामी विवेकानंद को यह धरती बार बार अकर्षित करती है। यहां योग करना सौभाग्य की बात है। उन्होंने कहा कि हम सभी के लिए गौरव की बात है कि आज जहां-जहां उगते सूर्य के साथ सूरज की किरण पहुंच रही है, प्रकाश का विस्तार हो रहा है, वहां- वहां लोग योग से सूर्य का स्वागत कर रहे हैं। आज देहरादून से लेकर डबलिन तक, शंघाई से लेकर शिकागो तक, जकार्ता से लेकर जोहानिसबर्ग तक, योग ही योग है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज विश्व का हर देश, हर नागरिक योग को अपना मानने लगा है। हम हिंदुस्तानियों के लिए बड़ा संदेश है कि हम इस परंपरा के धनी है। अगर हम अपनी विरासत पर गर्व करना शुरू कर दें तो दुनिया गर्व करने में पीछे नहीं रहेगी। हिंदुस्तान ने खुद को योग से जोड़ा तो दुनिया भी योग से जुड़ गई। मैं विश्वास से कह सकता है कि अगर दुनिया में योग करने वाले लोगों के आंकड़े जमा किए जाए तो भारी संख्या देखने को मिलेगी। उन्होंने कहा कि जब तोड़ने वाली ताकतें हावी होती हैं तो बिखराव आता है, जीवन में तनाव बढ़ता चला जाता है। इस बिखराव के बीच योग जोड़ने का काम करता है। योग आज दुनिया की सबसे शक्तिशाली एकीकृत बल में से एक बन गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि योग के कारण दुनिया आज इलनेस से वेलनेस की तरफ बढ़ रही है। योग पारंपरिक होने के साथ ही मॉर्डर्न भी है। योग के पास परेशानियों का सटीक उपचार है। योग शांति की अनुभूति कराता है। समाज में सदभाव बढाता है। समाज को एक सूत्र में पिरोता है। इसके बाद पीएम मोदी ने सभी से योग से जुड़ने का आह्वान किया और इस बड़े आयोजन के लिए उत्तराखंड का धन्यवाद कहकर अपना संबोधन समाप्त किया। संबोधन के बाद पीएम मोदी साधकों के बीच पहुंचे और एक बार फिर हाथ हिलाकर साधकों का अभिवादन किया। इसके बाद मोदी के साथ हजारों साधकों ने तीन बार ‘ऊँ’ का उच्चारण किया और योगाभ्यास कार्यक्रम शुरू हो गया। इससे पूर्व पीएम मोदी मंच पर पहुंचे। हाथ हिलाकर वहां मौजूद लोगों का अभिवादन किया।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि चतुर्थ अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस की मेजबानी का अवसर उत्तराखण्ड को मिला यह हम सब के लिए गौरव की बात है। प्रधानमंत्री जी के सानिध्य में योग करने का सौभाग्य उत्तराखण्डवासियों को मिल रहा है, यह प्रदेश के लिए गौरव की बात है। प्रधानमंत्री जी का देवभूमि उत्तराखण्ड से गहरा लगाव है। संयुक्त राष्ट्र की आम सभा में प्रधानमंत्री ने योग को जन-जन तक पंहुचाने का प्रस्ताव रखा। इसके परिणामस्वरूप 21 जून को विश्व भर में योग दिवस मनाया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने विश्व का आहवान किया कि जब हम होलस्टिक हैल्थ केयर, क्लाइमेट चेंज, प्रकृति के साथ जुड़ने एवं बैक टू बेसिक की बात करते हैं तो इसके लिए हमें योग से जुड़ने की जरूरत है। योग हमारे पुरातन परम्परा की अमूल्य देन है। योग मन, शरीर, विचार, कर्म, संयम और उपलब्धि की एकाग्रता तथा मानव प्रकृति के बीच सामंजस्य का मूर्त रूप है। योग स्वास्थ्य और कल्याण का समग्र दृष्टिकोण है। योग केवल व्यायाम न होकर अपने आप से वह प्रकृति के साथ तादात्म्य को प्राप्त करने का माध्यम है। यह हमारी जीवनशैली में परिवर्तन लाकर तथा हममें जागरूकता उत्पन्न करके जलवायु परिवर्तन में लडने में सहायक सिद्ध हो सकता है। प्रधानमंत्री जी के इस संकल्प को लेकर सारे देश एकजुट हो गये।