देहरादून (गढ़वाल का विकास न्यूज)। सूबे के सबसे बडे शिक्षक संगठनों में से एक राजकीय शिक्षक संघ में फिलहाल सब ठीक-ठाक नहीं चल रहा है। कुछ शिक्षकों ने प्रांतीय कार्यकारिणी के खिलाफ मुहिम छेड़ रखी है। एक जिलाध्यक्ष तो कह रहे हैं कि शिक्षकों के वेतन विसंगति की वसूली में कुछ होने वाला नहीं है। यानि संगठन को कमजोर बताने की कोशिशें कर रही हैं। इसको लेकर प्रांतीय महामंत्री डा. सोहन सिंह माजिला ने संघ के सदस्य शिक्षकों के लिए एक चिट्ठी सोशल मीडिया के माध्यम से पोस्ट की है।
माजिला लिखते हैं कि सोशल मीडिया पर ट्रांसफर को लेकर तर्क-वितर्क शिक्षकों द्वारा रखे जा रहे हैं। प्रान्तीय कार्यकारणी को भी काफी कुछ बोला जा रहा है, ये सब करने का अधिकार राजकीय शिक्षक संघ के सदस्यों को है, आलोचना व समालोचना से संगठन के दायित्वों के निर्वहन में आ रहे गैप को भरने की सीख मिलती है। वे लिखते हैं कि बतौर महामंत्री इस तरह की प्रतिक्रिया को वे सकारात्मक रूप में लेते हैं। माजिला आगे लिखते हैं कि 8-10 सदस्यों का एक समूह लगातार संगठन पर सुनियोजित योजना के तहत प्रश्नचिह्न लगाते हो तो ये चिंतनीय है। ये बोल रहे है कार्यकारिणी कमजोर है।
माजिला का कहना है कार्यकारिणी को ताकतवर उसके सदस्य बनाते हैं, यहां तो ये आलम है कि एक जिलाध्यक्ष प्रचार कर रहे है कि वेतन विसंगति का मामला ठीक होने वाला नहीं है। प्रान्तीय महामंत्री ने खुद अपनी वसूली करा ली। एक मंत्री बोलते हैं प्रान्त कुछ नहीं कर रहा है जो कुछ हो रहा है मोर्चा कर रहा है। माजिला ने कमजोर दिखने के लिए कई कारण गिनाये हैं। उन्होंने लिखा है कि नई प्रांतीय कार्यकारणी के नवम्बर 2017 में गठन के बाद पहली बैठक में प्रस्ताव पास किया गया कि महामंत्री सोशल मीडिया में अपडेट नहीं डालेगा। प्रांतीय कार्यकारणी की बैठक 12 फरवरी को देहरादून में तय हुआ कि दोनों मंडलों का कार्यकाल 10 दिसम्बर, 2017 तक पूर्ण हो गया है बोर्ड परीक्षा मूल्यांकन के उपरांत प्रत्येक दशा मई में मंडलीय कार्यकरणी चुनाव कराएगी।
वे लिखते हैं कि गढ़वाल मंडल ने कार्यकरिणी के निर्णय को लागू करते हुए मई में अधिवेशन करा लिया, लेकिन कुमाऊं मंडल ने 23 व 24,मई 2018 को अवकाश लेने के उपरांत चुनाव नहीं कराये।