रैबार के माध्यम से उत्तराखंड की दिशा पर मंथन

CM त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गिनाई उपलब्धियां
देहरादून। प्रदेश सरकार द्वारा उत्तराखंड राज्य स्थापना की 17वीं वर्षगांठ पर सप्ताह भर तक होने वाले समारोह की शुरूआत रविवार को मुख्यमंत्री आवास में आयोजित रैबार कार्यक्रम के साथ हो गयी। रैबार के माध्यम से दिग्गज उत्तराखंड की दिशा पर मंथन करेंगे।
कार्यक्रम का उद्घाटन सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने किया। कार्यक्रम की शुरुआत लोक नृत्यों के साथ हुई, जिसके बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने देश की नामचीन हस्तियों के सामने प्रदेश सरकार की उपलब्धियां गिनाई। अपने संबोधन में त्रिवेंद्र ​सिंह रावत ने कहा कि राज्य के विकास के लिए भ्रष्टाचार के विरुद्ध ज़ीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जा रही है। हमारी सरकार द्वारा भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन, गुड गवर्नेंस के लिए जनता से लगातार संवाद और जन भागीदारी की जा रही है। जन समस्याओं के निदान के लिए समयसमय पर जन संवाद किये जा रहे हैं। जन शिकायतों के त्वरित निस्तारण के लिए टोल फ्री नम्बर1905 पर शिकायत की जा सकती है। प्रशासनिक सुधार के लिए सचिवालय से ब्लाॅक स्तर तक बायोमेट्रिक हाजिरी प्रारम्भ की गई है। सेवा के अधिकार में 162 नई सेवाएं जोड़ी गई हैं। डी.बी.टी के माध्यम से कृषि उर्वरक सब्सिडी प्रारम्भ करने वाला उत्तराखण्ड देश पांचवा राज्य है। कलस्टर आधारित खेती पर राज्य सरकार का विशेष फोकस है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने पर्वतीय क्षेत्रों में चकबन्दी करने का निर्णय लिया है
उद्घाटन सत्र में प्रधानमंत्री के सचिव श्री भाष्कर खुल्बे ने कहा कि राज्य के विकास के लिए हम क्या कर सकते हैं, इसके लिए सबको एकजुट होकर चिंतन एवं मंथन कर कार्य करने होंगे। उन्होंने कहा कि राज्य के तीव्र विकास के लिए कौशल विकास पर विशेष बल देना होगा। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय आवश्यकताओं की मैपिंग कर उसके अनुरूप योजना बनानी होगी। हर जिले के लिये कम से कम अगले 10 वर्ष की आवश्यकताओं की मैपिंग की जानी चाहिए। पर्वतीय जनपदों में वोकेशनल ट्रेनिंग की जरूरतों का अध्ययन कर उसकी व्यवस्था की जाय। पाठ्यक्रम में उत्तराखण्ड के पर्यटन एवं हाॅिर्टकल्चर को जोड़ा जाय। राजधानी और अन्य शहरों में स्वच्छता पर भी ध्यान देना होगा। इससे निवशकों और पर्यटकों में अच्छा संदेश जाता है। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन श्री अश्विनी लोहानी ने कहा कि उत्तराखण्ड के विकास के लिए पर्यटन को बढ़ावा देना होगा। उत्तराखण्ड को भारत का स्विट्जरलैण्ड बनाने के लिए नये हिल स्टेशनों को डेवलप करना जरूरी है एवं उनका व्यापक स्तर पर प्रचारप्रसार भी जरूरी है। हिल स्टेशनों के लिये मास्टर प्लान की आवश्यकता पर बल दिया।

कोस्टगार्ड के डायरेक्टर जनरल श्री राजेन्द्र सिंह ने कहा कि अब युवा उत्तराखण्ड की दशा और दिशा बदलने का समय आ गया है। उत्तराखण्ड के चहुमुखी विकास के लिए गुणवत्तापरक शिक्षा, स्वच्छता, स्वरोजगार पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। पलायन आयोग के उपाध्यक्ष श्री एस.एस. नेगी ने कहा कि उत्तराखण्ड पहला राज्य है जहां पलायन की समस्याओं के निदान के लिए पलायन आयोग का गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में पलायन तेजी से हो रहा है। राज्य में 968 गांव खाली हो चुके तथा 1000 गांव में 100 से कम लोग है। अल्मोड़ा एवं पौड़ी में तेजी से पलायन हुआ है। पलायन को रोकने के लिए पर्वतीय क्षेत्रों में रोजगार, मानव संसाधनों एवं मूलभूत आवश्यकताओं पर बल देना होगा।
पहले सत्र के बाद पत्रकारों से बातचीत में सीएम रावत ने कहा रैबार कार्यक्रम अपने उद्देश्य मे सफल हो रहा है। कार्यक्रम मे आए अथितियों ने भी इसकी प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि कहा यह पहल राज्य के लिए लाभकारी सिद्ध होगी। कार्यक्रम मे पर्यटन व स्वछता को लेकर चर्चा की गई। राजधानी की स्वछता को लेकर भी चिंता जताई गई। इसके लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता मे समिति बनाई जाएगी। कहा कि पाठयक्रम में पर्यटन, कृषि व औधियानीकी को भी शामिल करने के सुझाव आए हैं। इससे पहाड़ से पलायन रुक सकता है। इसके बाद दो तकनीकी सत्र होंगे। इनमें पर्यटन व पर्यावरण और उत्तराखंड में निवेश, आधारभूत सुविधाओं, उद्योग व सूचना प्राद्योगिकी के विषय पर इन क्षेत्रों के विशेषज्ञ अपने विचार रखेंगे। समापन सत्र में उत्तराखंड के विकास के लिए नए प्रयोगों को लेकर वक्ता अपने विचार रखेंगे।
बता दें कि मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित रैबार कार्यक्रम में उत्तराखंड की वो विभूतियां शामिल हो रही हैं, जिन्होंने अपने-अपने क्षेत्र में ऊंचाइयों को प्राप्त किया है और राज्य को अलग पहचान दिलाई है। मंथन से निकलने वाले राय के मुताबिक राज्य के विकास को गति देने की योजना बनाई जाएगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *