लड़की व लड़के में भेद करना दुर्भाग्यपूर्ण : मुख्यमंत्री

देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शुक्रवार को अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर बद्री केदार सहयोग समिति द्वारा शमसेरगढ़ में आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज को सही ढंग से चलाने के लिये लिंगानुपात का सही होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि जन्म के समय से ही लड़का व लड़की में भेद करना अपराध है। यह भेदभाव दुर्भाग्यपूर्ण भी है।
उन्होंने कहा कि हमारे देश में नारी को सम्मान देने की पुरातन परम्परा रही है। हम देश, गंगा, गाय को मा के रूप में सम्मान देते है। धरती के कंकड में हम ईश्वर को देखते है। ऐसे देश में जन्म के समय मे ही लड़की व लड़के में भेद करना सामाजिक विकृति की तरह है। उन्होंने दून अस्पताल में पैदा हुए बेटा-बेटी के जन्म के बाद बेटी को मां के द्वारा दूध न पिलाने की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि हमारे प्रदेश की 80 प्रतिशत आबादी शिक्षित होने के बाद भी इस प्रकार की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों मे मां-बहिनों को आगे आना होगा।
 मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वामी विवेकानन्द ने अपने अमेरिका भ्रमण के अवसर पर एक बच्ची में मां के स्वरूप को देखा। मुख्यमंत्री ने कहा कि बेटी-बचाओ-बेटी- पढाओं की सार्थकता के लिये अब नन्दा गोरा कन्या धन योजना के तहत बच्ची के जन्म पर 5 हजार के बजाए 11 हजार तथा इण्टर के बाद 21 हजार के बजाए 51 हजार की राशि प्रदान की जाएगी ताकि बच्चियां पढ़ लिख सके तथा सामाजिक रूप से समाज में समान से जीवन यापन कर सकें। उन्होंने कहा कि जच्चा-बच्चा की बेहतर देखभाल करने वाली दायी मां को अब 500 के बजाए 1000 रू प्रतिमाह मिलेंगे। जबकि आशा कार्य कर्त्रियों को 5 हजार के स्थान पर 17 हजार वार्षिक मानधन दिया जाएगा।
 इस अवसर पर उपाध्यक्ष राज्य स्तरीय 20 सूत्रीय कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति श्री नरेश बंसल ,पूर्व राज्य महिला आयोग की अध्यक्षा श्रीमती सुशीला बलूनी सहित बड़ी संख्या में महिलाएें उपस्थित थी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *