देहरादून। रिंग रोड स्थित राज्यकर मुख्यालय में वित्त मंत्री उत्तराखण्ड प्रकाशपन्त द्वारा राज्य में कार्यरत प्रर्वतन इकाईयों की समीक्षा बैठक आयोजित की गयी।
राज्य में 1 जुलाई 2017 से जीएसटी लागू होने होने के पश्चात अधिकांश सचल दल इकाईयों का कार्य कर संग्रह एवं वाहनों के भौतिक सत्यापन के सम्बन्ध में संतोषजनक नही पाया गया, जिस पर मा0 वित्त मंत्री और वित्त सचिव द्वारा गहरी नाराजगी व्यक्त की गयी। जीएसटी लागू होने से पूर्व वर्ष 2016-17 में सभी 19 सचल दल इकाईयों का संग्रह जहां कुल 33 करोड़ था , वहीं वर्ष 2018-19 में माह नवम्बर 2018 तक कुल संग्रह 6 करोड़ था। इस प्रकार सचल दल इकाईयों से कर संग्रहण में वैट अवधि के सापेक्ष जीएसटी में भारी कमी आई है। वित्त मंत्री द्वारा प्रान्त के बाहर से उत्तराखण्ड आने वाले वाहनों से परिवहित माल की सघन चैकिंग तथा माल के भौतिक सत्यापन किये जाने के निर्देश देते हुए कहा कि इस सम्बन्ध में प्रवर्तन अधिकारियों के स्तर पर बरती जा रही लापरवाही को गंभीरता से लिया जाएगा। उक्त के अतिरिक्त रेलवे के माध्यम से अपवंचित रूप से आयात किये जा रहे माल के सम्बन्ध में भी अभियान चलाकर कार्यवाही करने के निर्देश दिये। वित्त मंत्री द्वारा यह भी निर्देश दिये कि ऐसी सभी वस्तुएं जिनका उपभोग उत्तराखण्ड में किया जाता है, का प्रत्येक दशा में वैध प्रपत्रों से अच्छादित कर ही उत्तराखण्ड में आयात हो ताकि उक्त पर राज्य में कर प्राप्ति हो सके तथा उन्होंने अगली समीक्षा बैठक में सभी अधिकारियों को ग्राउण्ड स्तर पर कार्य करते हुए सभी कार्यों की प्रगति बढाने के निर्देश दिये।
बैठक में उत्तराखण्ड शासन से सचिव वित्त अमित सिंह नेगी ने कहा कि बड़े विक्रता के यहां उस स्तर तक रसीदें नही कट रही हैं, जितनी कटनी चाहिएं थी, ई-वे बिल प्राॅपर चैक नही हो रहे हैं और भौतिक सत्यापन भी निम्नस्तर का होने पर उन्होंने अधीनस्थ अधिकारियों को निर्देश कि ई-वे बिल और टैक्स से बचने के नये-नये हथकण्डे अपनाने वाले ट्रांस्पोर्टरों, बड़े दुकानदारों पर मोबाइल टीम के माध्यम से छापा मारकर बिल और स्टाॅक प्राॅपर चैक करें। उन्होंने आशारोड़ी, चिड़ियापुर व रेलवे स्टेशन जैसे प्वांईटस पर अधिक सख्ती से निगरानी करने तथा रेलवे के साथ समन्वय बैठक आयोजित करते हुए ग्राउण्ड स्तर पर डिफाल्टरों को पकड़ते हुए कर चोरी रोकने के निर्देश दिये। उन्होंने मुख्यालय में संयुक्त कमिश्नर स्तर के अधिकारियों को भी फिल्ड में कार्यरत प्रवर्तन अधिकारियों से लगातार प्रगति रिपोर्ट प्राप्त करने और प्राॅपर रिपोर्टिंग और अन्य स्तर पर जरूरी सुधार करते हुए लिकेज को रोकने के निर्देश दिये। उन्होंने विशेष कार्यबल इकाईयों को भी सेवा क्षेत्र (लेबर सप्लाइ, कैटरिंग तथा वक्र्स कान्टेªक्ट्स) में सुधार करने तथा ई-वे बिल न बनाये जाने तथा रिटर्न फाईल न करने वाले व्यापारियों के खिलाफ भी कार्यवाही करने के निर्देश दिये। बैठक में खनन क्षेत्र में अघोषित विक्रय धन को भी विभाग के प्रकाश में लाने तथा कर वंचकों को चिन्हित करते हुए उनके विरूद्ध कार्य करने पर बल दिया गया।
बैठक में आयुक्त राज्य कर श्रीमती सौजन्या, अपर आयुक्त पियुष कुमार व विपिन चन्द्र सहित अन्य विभागीय अधिकारी और प्रवर्तन अधिकारी उपस्थित थे।