विश्व स्वास्थ्य दिवस: जागरूकता कार्यक्रम का किया गया आयोजन

देहरादून, गढ़वाल का विकास न्यूज। विश्व स्वास्थ्य दिवस व विश्व तनाव-मुक्ति माह के अवसर पर श्री गुरू राम राय इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल एण्ड हैल्थ साइंसेज के सभागार में एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
जागरूकता कार्यक्रम के शुरूआत में मुख्य आयोजनकर्ता विभागाध्यक्ष, कम्युनिटी मेडिसिन विभाग, डाॅ0 पुनीत ओहरी ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी मेडिकल छात्र-छात्राओं व फैकल्टी सदस्यों का स्वागत किया। एस0जी0आर0आर0आई0एम0एण्डएच0एस0 के प्राचार्य डाॅ0 प्रो0 अनिल कुमार मेहता ने अपने संबोधन में कहा कि यह हर्ष का विषय है कि बड़ी संख्या में मेडिकल छात्र-छात्राएं व फैकल्टी सदस्य विश्व स्वास्थ्य दिवस व विश्व तनाव-मुक्ति माह में अति उत्साह से प्रतिभाग कर रहे हैं व इस विषय में जागरूकता बढ़ाने के लिए अग्रसर हैं। उन्होंने कार्यक्रम को आयोजित करने के लिए डाॅ0 पुनीत ओहरी व एसोसिएट प्रोफेसर, मनोरोग विभाग, डाॅ0 शोभित गर्ग को बधाई व शुभकामनाएं दी। उन्होंने जानकारी दी कि व्यक्ति के स्वस्थ होने का अर्थ सिर्फ शारीरिक बीमारी से मुक्त होना ही नहीं है बल्कि उसका संपूर्ण शारीरिक, सामाजिक, भावनात्मक व आध्यात्मिक कल्याण है। हर व्यक्ति के इस प्रकार से पूर्ण स्वस्थ होने से सामूहिक रूप से एक स्वस्थ समाज व राष्ट्र का निर्माण होता है।


डाॅं0 पुनीत ओहरी ने अपने व्याख्यान में कहा कि अबकी बार के विश्व स्वास्थ्य दिवस का विषय ‘यूनिवर्सल स्वास्थ्य कवरेज‘ सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य प्रत्येक राष्ट्र के हर आयु वर्ग के व्यक्ति का बुनियादी मानवाधिकार है। उन्हांेने कहा कि हर किसी के आप अपने स्वयं के स्वास्थ्य की देखभाल करने हेतु आवश्यक जानकारी व सेवाएं होनी चाहिए। उन्होंने युवा मेडिकल छात्र-छात्राओं का आवाह्न किया कि वो रोगियों को उनके स्वास्थ्य व अधिकारों के विषय जागरूकता करके समाज में अपनी भूमिका सुनिश्चित करें। उन्होंने जानकारी दी कि श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में आयुष्मान योजना का लाभ उठा भारी संख्या में रोगी गुणवŸाापरक स्वास्थ्य सुविधा पा रहे हैं।
एसोसिएट प्रोफेसर, मनोरोग विभाग, डाॅं0 शोभित गर्ग ने यह माह विश्व तनाव-मुक्ति माह है। उन्होंने जानकारी दी कि एस0जी0आर0आर0आई0एम0एण्डएच0एस0 के मनोरोग विभाग ने ‘बींग वैल फाॅंर बीईंग डाॅक्टर्स‘ विषय पर आधारित कार्यक्रम की शुरूआत की है। जिसका उद्देश्य डाॅंक्टरों को शारीरिक व मानसिक रूप से पूर्णतः स्वास्थ रखना है ताकि वह समाज व रोगियों को सर्वश्रेष्ठ सेवा दे सकें। उन्होंने कहा कि अस्पताल के मनोरोग विभाग ने अपने अध्यापन में पाया है कि 50 प्रतिशत मेडिकल छात्र-छात्राएं तनावग्रस्त हैं। उन्होंने कहा कि उनके विभाग की यह प्राथमिकता है कि तनाव, डिप्रेशन, चिंता व नशों से मेडिकल छात्र-छात्राओं को बचाया जाए व उनका विभाग इस दिशा में निरंतर प्रयासरत है।

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