देहरादून। प्रदेश के सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को कई अतिरिक्त ड्यूटियों से राहत मिल गई है। अब उन्हें पठन पाठन से अलावा कुछ तय कायरे के अलावा अन्य किसी काम में नहीं लगाया जाएगा। सचिव विद्यालयी शिक्षा डॉ. भूपिंदर कौर औलख ने इस बाबत शासनादेश जारी कर दिया है। सभी जिलाधिकारियों से कहा गया है कि प्रदेश में निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 लागू है। जिसके तहत किसी शिक्षक को दस वर्षीय जनसंख्या जनगणना, आपदा राहत कर्तव्यों या यथास्थिति, स्थानीय प्राधिकारी या राज्य विघान-मंडलों या संसद के निर्वाचनों से संबंधित कर्तव्यों से अलग किसी गैर शैक्षिक प्रयोजनो के लिए अभिनियोजित नहीं किया जाएगा। इसलिए प्रदेश में शिक्षकों को जनगणना, आपदा राहत , स्थानीय निकाय , विस व संसद के चुनावों को छोड़कर अन्य किसी कार्य में डय़ूटी में न लगाया जाए। बता दें कि प्रदेश में एक ओर सरकार शिक्षा की गुणवत्ता गिरने का रोना रोती रही हैं लेकिन अब तक शिक्षकों को पशुगणना, बालगणना , तमाम तरह के अन्य कामों में झोंक दिया जाता है। इससे स्कूलों में पढ़ाई बाधित होती है और नतीजे भी। नए आदेश से बच्चों की पढ़ाई की व्यवस्था सुधर सकेंगी।