देहरादून। अनुसूचित जाति-जनजाति शिक्षक संगठन से जुड़े शिक्षकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने रविवार को शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय के सामने समस्याएं रखीं। पांडेय ने मौके पर अधिकारियों को निर्देश दिए कि उनकी समस्याओं का तेजी से निराकरण कराया जाए। उन्होंने कहा कि शिक्षकों की समस्याओं का हर हाल में समाधान किया जाएगा। एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय भाटिया के नेतृत्व में शिक्षकों का प्रतिनिधिमंडल शिक्षा मंत्री आवास पर पहुंचा। उन्होंने शिक्षा मंत्री को एक ज्ञापन देकर अपनी मांगों पर कार्रवाई न होने पर नाराजगी जतायी। उन्होंने कहा कि एससी-एसटी के एलटी शिक्षकों को 2001 से 2005 के बीच प्रवक्ता के पद पर मौलिक नियुक्ति दी जा रही है। जबकि सामान्य वर्ग के शिक्षकों को 2001-02 से मौलिक नियुक्ति प्रदान की जा चुकी है। इससे एससी-एसटी के शिक्षकों की नुकसान हो रहा है। उन्होंने मांग कि उन्होंने वरिष्ठता प्रदान करते हुए चयन/प्रोन्नत वेतनमान स्वीकृत किया जाए। संगठन ने अपने संवर्ग के बैकलाग के पदों को भरने के लिए विशेष भर्ती अभियान चलाने की मांग भी मंत्री से की है। इसके अलावा आऊट सोर्सिग से की जाने वाली नियुक्तियों में भी आरक्षण व्यवस्था का पालन करने के लिए संगठन ने दबाव बनाया है। मंत्री से मांग की गयी कि प्रारंभिक शिक्षा में डीएलएड की बाध्यता समाप्त कर नियुक्ति दी जाए और सेवा काल में ही डीएलएल कराया जाए। ज्ञापन में उल्लिखित अन्य मांगों में आश्रम पद्धति के विद्यालयों का उच्चीकरण, एलटी शिक्षकों का मंडल परिवर्तन होने पर वरिष्ठ यथावत रखने, डायट से एससीईआरटी के पदों पर आरक्षित संवर्ग को भी स्थान देने जैसी कई मांगें की गयी हैं। शिक्षा मंत्री महानिदेशक शिक्षा को दूरभाष पर निर्देश दिये कि वे इस संवर्ग की मांगों पर गंभीरतापूर्वक विचार करते हुए उनका निदान करने का प्रयास करें।