देहरादून। राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने निजी स्कूलों में एनसीईआरटी की किताबें लगाने के सरकार के फैसले का स्वागत किया है। संगठन का कहना है कि इस निर्णय में वह शिक्षा मंत्री के साथ हैं। यह एक अच्छा कदम है और कुछ हद तक ही सही इसे सरकारी व निजी स्कूलों में समानता आएगी।
संगठन के प्रांतीय महामंत्री दिग्विजय चौहान ने कहा कि एनसीईआरटी और निजी प्रकाशकों की किताबों की कीमत में तीन से चार गुना तक का अंतर होता है। एनसीईआरटी की जो किताब 100 रुपए में मिलती है, उतने ही पेज वाली निजी प्रकाशकों की पुस्तकें 250 से 300 रुपए तक बाजार में उपलब्ध है। यही वजह है कि पुस्तक विक्रेता भी इन पुस्तकों को नहीं रखते क्योंकि इसमें कमाई का मार्जिन कम होता है। कई प्रकाशक और पुस्तक विक्रेता तो स्टिकर लगाकर ज्यादा दाम वसूलते हैं। ऐसे में यह कदम अभिभावकों के हित में है।