शिक्षा विभाग: शैक्षिक गुणवत्ता प्रकोष्ठ का गठन

देहरादून। शिक्षा विभाग ने प्रदेश में शैक्षिक स्तर को सुधारने के लिए पृथक एक प्रकोष्ठ बनाने का ऐलान किया है। इसके लिए आदेश जारी किये गये हैं। हालांकि अभी सेल के आकार को लेकर आदेश में कुछ भी स्पष्ट नहीं किया गया है, लेकिन इसमें हर माह मासिक परीक्षाओं के माध्यम से छात्रों के स्तर को सुधारने के लिए विभिन्न स्तरों पर मॉनीटरिंग करने की बात कही गयी है।

सचिव विद्यालयी शिक्षा डा. भूपिन्दर कौर औलख ने बताया कि प्रदेश में प्राथमिक एवं माध्यमिक स्तर पर शिक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित करना राज्य सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है इसके लिये शैक्षिक गुणवत्ता प्रकोष्ठ का गठन किया गया है। उन्होंने एजुकेशन क्वालिटी सेल की गुणवत्ता संवर्धन के सम्बन्ध में आये सुझाव के अनुसार प्रक्रिया निर्धारण करने का आदेश जारी किया है। जिसके तहत नवचारी अनुप्रयोगों को शिक्षण में समावेश करने तथा विद्यालय स्तर पर शिक्षकों की व्यवसायिक दक्षता में वृद्धि करने आदि विषयों पर नियमित सुझाव देने तथा कार्ययोजना तैयार करने का कार्य प्रदेश स्तर पर शैक्षिक गुणवत्ता प्रकोष्ठ द्वारा किया जाएगा। आदेश में कहा गया है कि सभी शासकीय तथा अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों में कक्षा 3 से 12 तक मासिक परीक्षाएं आयोजित की जायें। इसके लिये एससीईआरटी विषयवार विशेषज्ञों की सहायता से प्रश्नपत्र तैयार करेगा। इस माह जनवरी तथा फरवरी की मासिक परीक्षाओं के लिए प्रश्नपत्र समय अन्तर्गत तैयार करने के निर्देश दिये गये हैं।

उन्होंने कहा कि यदि कक्षा 10 व 12 की प्री बोर्ड परीक्षाएं आयेजित हो रही हो तो उन्हें मासिक परीक्षा मानकर मूल्यांकन किया जाय। कक्षा 3 से 5 तक हिन्दी, गणित व अंग्रेजी, कक्षा 6, 7 व 8 में हिन्दी, गणित, विज्ञान व अंग्रेजी एवं कक्षा 9 से 12 तक सभी विषयों की मासिक परीक्षा ली जाय। कक्षावार पढ़ाए जाने वाले सम्बोधों/पाठों का विभाजन सीमैट द्वारा किया गया है। इसका पुन: परीक्षण सीमैट से कराकर सभी विद्यालयों को उपलब्ध कराया जाय। उन्होंने एससीईआरटी को कक्षावार और पाठवार प्रश्न बैंक तैयार करने के निर्देश दिये हैं तथा ज्ञान, बोध, अनुप्रयोग एवं कौशल के आधार पर प्रश्नों को प्रश्नबैंक में सम्मिलित किया जाय। उन्होंने इस वर्ष मासिक परीक्षा जनवरी तथा फरवरी के अन्तिम सप्ताह में आयोजित किये जाने के निर्देश दिये हैं तथा आगामी शैक्षणिक सत्र से प्रत्येक माह के शुक्रवार या अवकाश की दशा में इससे पूर्व के कार्य दिवस को आयोजित करने को कहा है। इसके साथ ही उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन निकट के विद्यालय के अध्यापक से कराये जाने तथा इसके लिये खण्ड शिक्षा अधिकारी को रोडमैप तैयार कर निदेशालय में नामित अधिकारी को उपलब्ध कराने को कहा गया है। प्रारम्भिक स्तर पर रोडमैप तैयार करने की जिम्मेदारी अपर शिक्षा निदेशक प्रारम्भिक शिक्षा तथा माध्यमिक स्तर के लिये संयुक्त निदेशक माध्यमिक शिक्षा की होगी।

मूल्यांकनकर्ता निर्धारित प्रपत्र पर कक्षावार और विषयवार छात्र/छात्रा का मूल्यांकन तैयार करेंगे व अपेक्षित अधिगम स्तर प्राप्त न करने वाले छात्रों की सूची सम्बन्धित विद्यालय को उपलब्ध करायेंगे। सम्बन्धित जानकारी से जिला शिक्षा अधिकारी प्रारम्भिक/माध्यमिक शिक्षा के माध्यम से निदेशालय तथा जिले के डायट संस्थान को उपलब्ध करायेंगे। इन मासिक परीक्षाओं के आधार पर आगामी शैक्षणिक सत्र में सेवारत शिक्षण प्रशिक्षणों की पहचान की जायेगी और उन्हें आगामी प्रशिक्षण कार्यक्रम शामिल किया जायेगा। संकुल स्तर पर हाईस्कूल/इंटरकॉलेज के सेवित क्षेत्रों में आने वाले कॉलेजों के लिये चयनित हाईस्कूल/इंटरकॉलेज के प्रधानाध्यापक/प्रधानाचार्य को एकेडेमिक एक्सपर्ट के रूप में नामित किया जायेगा, जो इन विद्यालयों त्रैमासिक अकादमिक अनुश्रवण करना सुनिश्चित करेंगे। 

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