यमुनोत्री धाम के कपाट भी कर दिए जाएंगे बंद
रुद्रप्रयाग/देहरादून। भगवान केदारनाथ के कपाट शनिवार यानी भैयादूज पर्व पर आम श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ बंद कर दिए जाएंगे। शीतकाल के 6 माह तक बाबा केदार की पूजा-अर्चना पंचगद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में ही होगी। वहीं, शनिवार को यमुनोत्री धाम के कपाट भी आम श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ बंद कर दिए जाएंगे।
ग्रीष्मकाल के छह माह तक उच्च हिमालय स्थित केदारनाथ में दर्शन देने के बाद शनिवार 21 अक्टूबर को पौराणिक रीति रिजावों एवं परम्पराओं के अनुसार सुबह 8.30 बजे वृषक लग्न में मंदिर के कपाट वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ बंद कर दिए जाएंगे। कपाट बंद होने के उपरांत भगवान की उत्सव डोली केदारनाथ धाम से रवाना होकर अपने प्रथम पड़ाव रामपुर के लिए रवाना होगी। रामपुर में रात्रि विश्राम के बाद 22 अक्टूबर को बाबा केदार की उत्सव डोली फाटा, नारायणकोटी होते हुए रात्रि विश्राम के लिए विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी पहुंचेगी।
23 अक्टूबर को केदारनाथ की उत्सव डोली विश्वनाथ मंदिर से प्रस्थान कर पंचकेदार गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में विराजमान होगी। जिसके बाद गर्भगृह में विराजमान होने के बाद शीतकाल के छह माह तक यहीं पर भक्त दर्शन करेंगे, तथा छह माह तक यहीं पर नित्य पूजाएं भी संपन्न होगी। इस दौरान विभिन्न स्थानों पर भोले बाबा भक्तों को दर्शन भी देंगे। मंदिर समिति के कार्याधिकारी अनिल शर्मा ने बताया कि केदारनाथ मंदिर के कपाट बंद करने को लेकर समिति की ओर से सभी तैयारियां लगभग पूरी हो गई हैं। आगामी शीतकाल के छह तक ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में भोले बाबा की नित्य पूजाएं संपन्न होंगी। वहीं, शनिवार को यमुनोत्री धाम के कपाट भी बंद कर दिए जाएंगे।