संस्कृत शिक्षा का माध्यमिक में एकीकरण करने का विरोध

देहरादून। संस्कृत विद्यालय-महाविद्यालय शिक्षक समिति की बैठक में संस्कृत शिक्षा का माध्यमिक शिक्षा में एकीकरण करने का विरोध किया गया। जरूरत पड़ने पर आंदोलन का निर्णय लिया गया। शनिवार को आयोजित बैठक में समिति ने सरकार के एकीकरण के निर्णय पर रोष जताया। उन्होंने कहा कि राज्य में संस्कृत को द्वितीय राजभाषा का दर्जा प्राप्त है। इसके बावजूद संस्कृत भाषा के हृास का कुचक्र रचा जा रहा है। उन्होंने कहा कि माध्यमिक शिक्षा के साथ सम्बद्ध करने से संस्कृत शिक्षा के प्रति कुठाराघात होगा। संस्कृत को द्वितीय राजभाषा का दर्जा देने वाली भाजपा सरकार ही अधिकारियों की मिलीभगत से संस्कृत को पतन को ले जाने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि संस्कृत शिक्षा को माध्यमिक शिक्षा से जोड़ने की स्थिति में शिक्षकों को सड़कों पर उतरकर विरोध करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा। बैठक में समिति के अध्यक्ष रामप्रसाद थपलियाल, प्रदेश उपाध्यक्ष डा. शैलेन्द्र प्रसाद डंगवाल, डा. रामभूषण विजल्वाण, डा. मुकेश खण्डूरी, डा. सीमा विजल्वाण, डा. मनीष भण्डारी व डा. दीपशिखा ने विचार व्यक्त किए। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *