देहरादून। राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी मंजू बहन ने कहा कि वर्तमान समय में दुनिया भर में दिल की बीमारी सबसे ज़्यादा जानलेवा साबित हो रही है। लगभग 1/3 मौतों का कारण हृदय रोग हैं। 30 वर्ष पहले यह आँकड़ा छूत की बीमारियों के लिये सत्य था।
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के स्थानीय सेवाकेन्द्र सुभाष नगर देहरादून के सभागार में आयोजित रविवारीय सत्संग में राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी मंजू बहन ने कहा कि
आज हर इंसान अपने दुख-अशांति का जिम्मेवार दूसरों को ठहराता है। तो क्या कारण है कि अब वह बाहर से आने वाले इंफेक्शन से नहीं, बल्कि अंदर के ’इन’ फेक्शन से मर रहा है? यह अपने आप में एक सोचने का विषय है। उन्होंने कहा कि दिल की बीमारी इसलिए हो रही है क्योंकि दिल मज़बूत नहीं है। दिल में खुशी नहीं है। न दिल को आराम है, न जान को सुकून। ’आराम’ यानि ’आ राम’ तो ’आराम’। दिल में ईश्वर की सच्ची याद बसी हो तो दिल वरदानों से भर जायेगा। कहते हैं-दिल दिलाराम को दे दो तो दिल का दौरा नहीं पड़ेगा।
राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी मंजू बहन ने कहा कि भगवान हम आत्माआंे के पिता हैंए जहाँ पिता होता है वहाँ फ़िक्र नहीं होती, डर नहीं होता, बोझ नहीं होता। ज़रुरत उस परमपिता को जानने, समझने, अपनाने, याद करने की है। वो बैठा है। अकल्याण हो नहीं सकता। अकल्याण में भी कल्याण समाया है। इसके बावजूद नुकसान-परेशानी महसूस हो रही है, तो भी कोई असल में नुकसान नहीं है। इस अवसर पर दुर्गा सुयाल, डा॰ प्रियंका कश्यप, ममता, पदमा, पुष्पा आर्य, विजया नेगी, अनुराधा, इंदू कठैत, विजय रस्तोगी, प्रदीप कुमार वालिया, सुनील रावत आदि मुख्य रूप से मौजूद रहे।