देहरादून। कृषि मंत्री उत्तराखण्ड सरकार सुबोध उनियाल द्वारा रिंग रोड स्थित वीर शिरोमणी माधौसिंह भण्डारी किसान भवन में कृषि कर्मचारी संघ तथा अधीनस्थ कृषि सेवा संघ उत्तराखण्ड शाखा गढवाल मण्डल के द्विवार्षिक अधिवेशन को मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित किया और उसके पश्चात कृषि मंत्री द्वारा उत्तराखण्ड राज्य जैविक खेती अधिनियम 2018 पर विभागीय अधिकारियों के साथ विस्तृत विचार-विमर्श किया गया।
कृषि मंत्री ने कृषि कर्मचारी संघ के संयुक्त अधिवेशन को सम्बोधित करते हुए कहा कि उत्तराखण्ड में पलायन को रोकने हेतु कृषि और शिक्षा विभाग बड़ी भूमिका निभा सकते हैं और हमारी सरकार कृषि को तकनीकी से परिपूर्ण करेगी। उन्होने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा उत्तराखण्ड में कृषि उत्थान तथा पलायन को रोकने हेतु 1500 करोड़ रू0 दिये जायेंगे, जिसका क्रियान्वयन कृषि विभाग द्वारा किया जायेगा। उन्होने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये कि पर्वतीय क्षेत्र के ग्रामीण क्षेत्रों में चैपाल लगाकर किसानों की समस्याएं सुनें तथा खेती करने के आधुनिक तरीके बतायें, केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा किसान कल्याण हेतु चलायी जा रही योजनाओं का लाभ दिलायें और चकबन्दी को लेकर किसानों को जागरूक करें।
मा0 कृषि मंत्री ने विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए उत्तराखण्ड राज्य जैविक खेती अधिनियम 2018 के बारे में अधिकारियों को आवश्यक बातों को सम्मिलित करने के निर्देश दिये। उन्होने कहा कि अधिनियम इस तरह का हो जिससे पहाड़ के किसानों का अधिक लाभ हो, उत्पाद बढे, पशुधन का उत्पादन अधिक उपयोग सुनिश्चित हो सके, स्थानीय मौलिक बीज व उत्पादन प्रेरित हो सके और पहाड़ से पलायन रूक सके अधिनियम को इस तरह से कारगर बनाने के निर्देश दिये। बैठक में कृषि सचिव डी सैंथिल पाण्डियन, कृषि निदेशक गौरी शंकर सहित कृषि अधिनस्थ कार्मिक उपस्थित थे।