देहरादून। मुख्यमंत्री ने राज्य में पूर्व सैनिकों के लिए बनने वाले ईसीएचएस अस्पतालों के लिए मुफ्त में जमीनें देने की बात कही है। उन्होंने राज्य सैनिक कल्याण परिषद की बैठक में इसके लिए सैद्धांतिक सहमति दी। उन्होंने इसके लिए मुख्य सचिव को निर्देश भी दिये। बैठक में पूर्व सैनिकों के हितों के लिए कई निर्णय लिये गये। मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास में राज्य सैनिक कल्याण परिषद की पांचवीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए पूर्व सैनिक और सैनिक कल्याण राज्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इसलिए इसके बोर्ड की बैठक को अन्य विभागों की तरह नियमित व प्रतिवर्ष किया जाए। उन्होंने कहा कि भूतपूर्व सैनिकों, वीरांगनाओं तथा उनके आश्रितों से सम्बंधित कल्याणकारी योजनाओं के बारे में बहुत सारे निर्णय लिये जाने की जरूरत है। बैठक निर्धारित समय पर होगी तो ऐसे निर्णय लिये जा सकेंगे। उन्होंने कहा कि इस बैठक में सैनिक कल्याण से संबंधित बहुमूल्य सुझाव प्राप्त होते हैं। मुख्यमंत्री ने केदारनाथ और बदरीनाथ धाम में सैनिक विश्राम गृह के लिए भूमि देने पर निकटवर्ती क्षेत्रों में उपयुक्त भूमि की उपलब्धता के आधार पर सैद्धांतिक सहमति दी।मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड एक सैनिक बहुल प्रदेश है। प्रदेश का हर परिवार सैनिकों एवं पूर्व सैनिकों से किसी न किसी प्रकार से जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि पूर्व सैनिकों के रूप में हमारे पास प्रशिक्षित एवं अनुशासित अपार जनशक्ति उपलब्ध है, जिनका उपयोग प्रदेश के विकास के लिए किया जा सकता है। उन्होंने वीरता पुरस्कार प्राप्त सैनिकों (वीरचक्र श्रृंखला) के लिए नि:शुल्क परिवहन सुविधा पर भी सहमति जतायी। मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड परिवहन निगम की बसों में वीरता पुरस्कार प्राप्त सैनिकों, वीरता पुरस्कार प्राप्त सैनिकों की विधवाओं (वीरचक्र श्रृखला), सैनिकों (जो युद्ध के दौरान अपंग हुए हैं) को राज्य परिवहन निगम की बसों में निशुल्क सफर की सैद्धांतिक सहमति दे दी है। जल्द ही परिवहन विभाग इस पर शीघ्र कार्रवाई करेगा। इसके साथ ही उन्होंने विशिष्ट सेवा पदक पुरस्कारों से अलंकृत सैनिकों को एकमुश्त एवं वार्षिकी धनराशि बढ़ाने के प्रस्ताव पर सकारात्मक रुख दिखाते हुए इस पर विचार करने का आश्वासन दिया। बैठक में मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, प्रमुख सचिव आनन्द वर्धन, जीओसी उत्तर भारत एरिया ले. जन. हरीश ठुकराल, जीओसी उत्तराखंड सब एरिया मेजर जनरल जेएस यादव, निदेशक पुनर्वास जोन (मध्य क्षेत्र) ब्रिगेडियर एसएन तिवारी, निदेशक सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास, उत्तराखंड ब्रिगेडियर केवी चंद, कर्नल वेटरन उत्तराखंड सब एरिया कर्नल एस नवानी, संयुक्त निदेशक केन्द्रीय सैनिक बोर्ड ले. कर्नल एन. थपलियाल आदि उपस्थित थे।