नैनीताल। उच्च न्यायालय ने सिचाई विभाग के 52 स्टेनोग्राफर/ निजी सहायकों की नियुक्ति पर अंतरिम आदेश तक रोक लगा दी है जबकि चयनित 21 अभ्यर्थियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। इसके साथ ही राज्य सरकार एवं अधीनस्थ चयन आयोग को भी जवाब पेश करने के निर्देश जारी कर दिए हैं। यह आदेश काशीपुर निवासी अमित कुमार सिंह की एक याचिका की सुनवाई करते हुए न्यामूर्ति लोकपाल सिंह की एकल पीठ ने जारी किया है। याचिकाकर्ता का कहना है कि 2015 में उत्तराखंड अधीनस्थ चयन आयोग ने उत्तराखंड के विभिन्न विभागों में स्टेनोग्राफर/निजी सहायकों के पदों में नियुक्ति के लिए एक विज्ञप्ति जारी की थीं। इसमें से 52 पद सिचाई विभाग के लिए तय थे। याचिकाकर्ता का आरोप है कि परीक्षा के बाद 120 की मेरिट सूची बनाई गई। शैक्षिक पत्रों की जांच में आयोग को 73 के पास कंप्यूटर का तृतीय लेबल का सर्टिफिकेट नहीं मिला था। याचिकाकर्ता का कहना है कि सरकार ने इन अभ्यर्थियों के मामले को निस्तारित कर 5 मार्च 2018 को अधीनस्थ चयन आयोग ने 40 लोगों के नाम सिचाई विभाग के पास भेज दिए। इसके साथ ही इनकी नियुक्ति कर दी गई। याचिकाकर्ता का कहना है कि कंप्यूटर का तृतीय लेबल का सर्टिफिकेट न होने से इसमें से 21 नियुक्ति के पात्र नहीं हैं जबकि याचिकाकर्ता का यह भी कहना है कि उसके पास तृतीय लेबल का सर्टिफिकेट होने के बाद नियुक्ति नहीं दी गई। सभी पक्षों की दलील सुनने के बाद एकल पीठ ने अंतरिम आदेश तक नियुक्ति पर रोक लगा दी है।