देहरादून। अपनी कार्यशैली और बयानों को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहने वाले शिक्षा मंत्री अरविन्द पांडे ने साफ कहा कि वह किसी सूरत में प्राइवेट पब्लिशर्स की महंगी किताबें स्कूलों में नहीं चलने देंगे।
शिक्षा मंत्री अरविन्द पांडे ने कहा कि नए शिक्षा सत्र में कक्षा 1 से कक्षा 12वीं तक एनसीईआरटी की किताबें हर हाल में चलेंगी। अगर किसी स्कूल ने मनमानी की तो उसकी मान्यता को रद्द कर दिया जाएगा। एक समाचार पत्र को दिये साक्षात्कार में शिक्षा मंत्री ने कहा कि वह किसी सूरत में प्राइवेट पब्लिशर्स की महंगी किताबें स्कूलों में नहीं चलने देंगे। उन्होंने बताया कि एनसीईआरटी की पुस्तकें शुरू कराने के लिए विशेष योजना तैयार की गई है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों की टीमें गठित कर सभी विद्यालयों में भेजी जा रही हैं। जो सुनिश्चित करेंगी कि सभी विद्यालयों में अनिवार्य रूप से एनसीईआरटी की पुस्तकें लागू हों।
शिक्षा मंत्री अरविन्द पांडे ने कहा कि जिन विद्यालयों में एनसीईआरटी के अतिरिक्त अन्य किताबों को लागू करने की शिकायतें प्राप्त होंगी उनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने अभिभावकों से अपील करते हुए कहा कि यदि पब्लिक स्कूल निजी प्रकाशकों की पुस्तकें खरीदने का दबाव बनाएं तो उसका विरोध करें। स्कूल की शिकायत शिक्षा अधिकारी या सीधे शिक्षामंत्री कार्यालय में करें। उन्होंने कहा कि वह एक गरीब के बच्चे है, लिहाजा वह गरीब के बच्चों का उत्थान करने की दिशा में ही कार्य करेंगे।
उधर सरकारी और पब्लिक स्कूलों में निजी पब्लिशर्स की महंगी किताबों पर उत्तराखंड सरकार ने रोक लगा दी है और एनसीईआरटी की किताबों को लागू कर दिया है। सरकार के इस शासनादेश के खिलाफ प्राइवेट पब्लिशर्स (निजी प्रकाशक) हाईकोर्ट पहुंच गए हैं। कोर्ट ने सरकार से मामले में जवाब मांगा है। अगली सुनवाई तीन अप्रैल को होगी।