हैंडलूम एक्सपो में एक सप्ताह में किया ढ़ाई करोड़ का व्यापार
देहरादून। हथरकघा बुनकरो को बढ़ावा दिये जाने की बात कहते हुए उद्योग निदेशक सुधीर चन्द्र नौटियाल ने कहा कि राजधानी में आयोजित हो रहे नेशनल हैंडलूम एक्सपो में एक सप्ताह के अंदर करीब ढाई करोड़ का व्यापार हो चुका है।
विदित हो कि राजधानी में इन दिनों नेशनल हैण्डलूम एक्सपो का आयोजन किया जा रहा है, जो कि 10 जनवरी तक चलेगा। एक्सपो में आम जनमानस की लगातार बढ़ रही मौजदूगी से गदगद उद्योग निदेशक सुधीर चन्द्र नौटियाल ने कहा कि नेशनल हैण्डलूम एक्सपो उत्तराखण्ड में 2002 से लग रहा है और हर साल की तरह इस साल भी देहरादून वासियों का अच्छा रूझान मिल रहा है अभी एक सप्ताह में ढ़ाई करोड़ का व्यापार हो चुका है और अनुमान है कि प्रदर्शनी के अंत तक लगभग पांच से छः करोड़ का व्यपार होगा। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष साढ़े चार करोड़ रूपये का व्यपार हुआ था। उनका कहना था कि इस बार उत्तराखण्ड के 45 स्टॉल लगे हैं जिनमें साडियांए कोटए टोपीए सॉलए अंगूरा के बने सॉलए स्टॉल आदि मुख्य रूप से शामिल है।
निदेशक उद्योग ने कहा कि इस बार उत्तराखण्ड सहित 17 राज्यों ने इस एक्सपो में भाग लिया है जिसके 200 स्टॉल लगाये गये हैं सभी स्टॉल हैण्डलूम के हैं। यहां पहली बाद लद्दाख का स्टॉल भी लगा है जिसमें आपको याक के ऊन के बने उत्पाद मिल जायेगें। उन्होंने कहा कि बुनकरों की सेल लगभग 70 प्रतिशत हैण्डलूम एक्सपो के द्वारा ही होती है ये बुनकर पूरे देश में लगे प्रदर्शनी में घुमते हैं। उन्हांने बताया कि देहरादून में हथकरघा बुनकरों को ज्यादा फायदा होता है क्योंकि परेड ग्राउड शहर के बीचों.बीच में है और यहां पर लोग आसानी से आ जाते हैं। उनका मानना था कि यदि हमारे शिल्पी व बुनकरों को फायदा मिल रहा है तो हमें भी उनका साथ देना चाहिए। आपको जो उत्पाद प्रदर्शनी में मिल रहा है वहीं उत्पाद बाजारों में आपको तीन गुना ज्यादा दामों पर मिलेगा और उत्पाद की क्वालिटी भी सही नहीं होगी। उन्होंने कहा कि हमें हैण्डलूम के अलावा अपने पहाड़ी दालोंए अनाजों व फलों का भी प्रचार.प्रसार करना है उनके भी स्टॉल यहां लगाये गये है जो उत्तराखण्ड के पहाड़ी क्षेत्रों से आये हैं। इस दौरान शैली डबराल उप निदेशक उद्योगए डॉ0 पूनम सिन्हा निदेशक एनआईईएसबीयूडीए केसी चमोली मेला अधिकारीए जगमोहन बहुगुणाए आदि भी उपस्थित थे।