देहरादून/नई दिल्ली। डाॅ0 रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ एक प्रसिद्ध कवि, लेखक और दार्शनिक हैं, कवि और लेखक हमेशा संवेदनशील और अच्छे इंसान होते हैं, एक सफल राजनीतिज्ञ के साथ-साथ डाॅ0 निशंक साहित्य में भी सफलता और प्रसिद्धि पा चुके हैं। उनकी पुस्तक का विमोचन करते हुये मुझे गर्व का अनुभव हो रहा है।
यह बात आज नई दिल्ली में सुप्रसिद्ध साहित्यकार पूर्व मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड एवं हरिद्वार सांसद डाॅ0 रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ की पुस्तक ‘धरती का स्वर्ग उत्तराखण्ड भाग 3ः प्रकृति का अलौकिक सौन्दर्य’ का विमोचन करते हुये केन्द्रीय पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के. जे. अल्फोंस द्वारा कही गई। परिवहन भवन के पर्यटन मंत्रालय में आयोजित एक विशिष्ट समारोह में पर्यटन राज्यमंत्री ने कहा कि डाॅ0 निशंक एक विद्वान साहित्यकार के साथ ही एक संवेदनशील व्यक्ति भी हैं, जिन्होंने साहित्य की हर विधा में रचनायें की हैं, वे राष्ट्र निधि है, मुझे उनके कृतित्व पर गर्व है। श्री अल्फोंस ने कहा कि वे बद्रीनाथ-केदारनाथ सहित उत्तराखण्ड के अनेकों स्थानों का भ्रमण कर चुके हैं उत्तराखण्ड सचमुच में धरती पर स्वर्ग के समान है, इसके सौन्दर्य पर लिखी डाॅ0 निशंक की यह पुस्तक विश्व मानव को उत्तराखण्ड की खूबसूती के दर्शन करायेगी। इसलिए इसका अनुवाद अंग्रेजी के साथ-साथ अन्य भाषाओं में भी होना चाहिये।
पुस्तक के लेखक डाॅ0 रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि उत्तराखण्ड के सौन्दर्य को विश्व पटल पर लाने के उद्देश्य से उनकी ‘धरती का स्वर्ग उत्तराखण्ड सीरीज की यह तीसरी पुस्तक है, इसी तरह यह श्रृृंखला जारी रहेगी। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुये सुप्रसिद्ध साहित्यकार, केन्द्रीय साहित्य अकादमी के पूर्व सदस्य डाॅ0 योगेन्द्रनाथ शर्मा ‘अरुण’ ने कहा कि डाॅ0 निशंक सरस्वती के वरदपुत्र हैं। अब तक साठ से अधिक पुस्तकों की रचना कर चुके हैं।
पुस्तक के प्रकाशक विनसर पब्लिशिंग कम्पनी के निदेशक कीर्ति नवानी ने समस्त अतिथियों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में साहित्यकार प्रो0 ज्योति पाण्डेय, प्रो0 मसरुर वेग, प्रो0 हेमलता, डाॅ0 सर्वेश उनियाल, डाॅ0 प्रभाकर बडोनी, रमेश कांडपाल, ले0 कर्नल चन्द्रसिंह पटवाल, समाज सेवी अनिल पंत, सचिदानन्द शर्मा, रणविजय सिंह, बेचैन कण्डियाल के अतिरिक्त सुप्रसिद्ध कत्थक नृत्यांगना तथा फिल्म निर्माता एवं डाॅ0 निशंक की बेटी अरुषी निशंक सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन डाॅ0 विवेक गौतम ने किया।