राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने किया बीज बम अभियान का शुभारंभ
देहरादून (गढ़वाल का विकास न्यूज)। राज्यपाल श्रीमती बेबी रानी मौर्य ने स्कूली बच्चों का आह्वाहन किया है कि वृक्षारोपण में अधिकाधिक भाग लें तथा पर्यावरण संरक्षण के लिये आगे आए। राज्यपाल श्रीमती मौर्य ने कहा कि हरियाली से भरपूर स्वच्छ व सुन्दर नए भारत के निर्माण की जिम्मेदारी बच्चों की भी है। बच्चें अपने व अपने माता-पिता व परिजनों के जन्मदिवस पर पौधे रोपें व उनकी देखभाल करें।
राज्यपाल श्रीमती बेबी रानी मौर्य ने गुरूवार को हिमालय पर्यावरण जड़ी-बूटी संस्थान द्वारा डी0बी0एस0 (पी0जी0) काॅलेज, करनपुर देहरादून में आयोजित बीज बम अभियान सप्ताह का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर राज्यपाल ने छात्र-छात्राओं को बीज बम वितरित किये। हिमालय पर्यावरण जड़ी-बूटी संस्थान, जाड़ी, उत्तरकाशी द्वारा उत्तराखण्ड राज्य में बीज बम अभियान चलाया गया है। गोबर, मिट्टी व बीज के छोटे-छोटे गोले बनाकर उन्हें वितरित किया जा रहा है। इन बीज बमों को जंगलों व अन्य स्थलों में डालकर हरियाली कवर बढ़ाने व मानव-वन्य पशु संघर्ष कम करने के प्रयास किये जाएंगे। उत्तराखण्ड के साथ ही देश के 500 स्थानों पर यह अभियान चलाया जा रहा है।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए राज्यपाल श्रीमती मौर्य ने कहा कि आज पूरा विश्व जलवायु परिवर्तन के प्रकोप से पीड़ित है। पर्यावरण और कृषि पर इसका दुष्प्रभाव पड़ रहा है। पर्यावरण संरक्षण अभियान आज हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता होनी चाहिए। बीज बम अभियान पेड़-पौधों की संख्या बढ़ाने के साथ-साथ खेती के लिए भी लाभदायक होगा। इससे कम लागत में जंगलों में नये वृक्षों का रोपण होगा तथा जंगली जानवरों के लिए जंगलों में ही उनका भोजन उपलब्ध होगा। इसके माध्यम से पारंपरिक बीजों, वृक्षों, मिट्टी और पानी का संरक्षण होगा। ,
राज्यपाल श्रीमती मौर्य ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को हर वर्ष कम से कम 5 पौधों का रोपण करना चाहिए और जीवनभर उनकी देखभाल करनी चाहिए। अपने बच्चों को हमें जल संचय और संरक्षण के महत्व से परिचित कराना चाहिए। हमें अपनी जीवन शैली को पर्यावरण के अनुकूल बनाना होगा। विधायक गोपाल सिंह रावत ने कहा कि कम लागत पर हरियाली कवर बढ़ाने में बीज बम अभियान सफल सिद्ध होगा। बीज बम अभियान से प्रेरित होकर अधिक से अधिक लोग पर्यावरण संरक्षण के लिये आगे आएंगे। विधायक केदार सिंह रावत ने कहा कि बीज बम अभियान से अधिक से अधिक लोगों को जोड़ने की जरूरत है। इस अवसर पर देहरादून के विभिन्न काॅलेजो और स्कूलों के छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।