देहरादून। वन विभाग के नए मुखिया जयराज ने कहा कि अब प्रभागीय वनाधिकारी हर महीने 15 रातें जंगल में गुजारेंगे। इसी तरह सीएफ को 13 दिन जंगलों में रहना होगा। उन्होंने अपने लिये भी छह दिन तय किये हैं। अधिकारी जंगलों में जाएंगे तो वहां की दिक्कतों को समझा जा सकेगा और आगे के लिए योजनाएं बनेंगी। इस तरह के दौरों से फील्ड कर्मचारी व अफसर भी अलर्ट रहेंगे।
प्रदेश की 71 फीसद भूमि का प्रवंधन देखने वाले वन विभाग के नए मुखिया जयराज ने कार्यभार ग्रहण करते ही अपनी प्राथमिकताएं गिना दी हैं। उन्होंने स्पष्ट किया है कि अब तक जो भी हुआ वह पीछे छूट जाए, लेकिन आगे के लिए सबको मिलकर एक नई कार्य संस्कृति विकसित करनी होगी, ताकि जनता के बीच वन विभाग के भरोसे को कायम किया जा सके। कार्यभार ग्रहण करने के बाद पत्रकारों के सामने अपनी प्राथमिकताएं गिनाते हुए जयराज ने कहा कि अब अधिकारी अपने कार्यक्षेत्र में रैंडम चेकिंग भी करेंगे। वन विभाग विभाग से संबंधित समाचारों का पूरा संज्ञान लिया जाएगा। जयराज ने कहा विभाग के गेस्ट हाउसों को ऑनलाइन करके उनमें पर्यटक बढ़ाने के प्रयास होंगे ताकि ग्रामीण इलाकों में पर्यटक पहुंचे और वहां के लोगों को इससे आय हो। उन्होंने पैसे खर्च करने भी जिम्मेदारी तय की है। अब तक किसी भी गड़बड़ी के लिए निचले स्तर के कार्मिकों पर एक्शन लेकर फाइलें बंद हो जाती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। अब सीधे उस काम से जुड़े हुए वरिष्ठ अधिकारी जिम्मेदार माने जाएंगे। उन्होंने कहा कि हमें वेतन जनता के हिस्से के पैसे से मिलता है। इसलिए हमारी पहली जवाबदेही जनता के प्रति है।
नये मुखिया ने कहा कि हम स्कूल-कालेज के छात्रों को भी फारेस्ट फ्रेंड बनाएंगे। इसके तहत छात्रों के कैंप वन क्षेत्र में लगवाए जाएंगे। उन्हें दो रात्रि का विश्राम कराया जाएगा ताकि वे नेचर और पर्यावरण को समझकर उसे आत्मसात करके हमारे सहयोगी बन सकें। सिटी फारेस्ट की योजना की भी उन्होंने बात की। देहरादून में झाझरा क्षेत्र में मार्च तक यह तैयार हो जाएगा। यहां लोगों को सघन वन क्षेत्र की तरह वायोडायबर्सिटी और प्राकृतिक नजारा मिलेगा। इसमें साइकिल ट्रैक भी बनेगा। जयराज ने कहा वन विभाग पानी के संरक्षण के लिए भी बड़े स्तर पर काम करेगा। देहरादून में स्थित तमाम बड़े केंद्रीय संस्थानों के साथ मिलकर इसके लिए सामूहिक प्रयास किये जाएंगे। वन अपराध करने वालों को कड़ी चेतावनी देते उन्होंने कहा कि इसको किसी भी कीमत पर माफ नहीं किया जाएगा। वह चाहे अवैध कटान के मामले हों या अवैध शिकार के। इसमें कड़ा एक्शन लिया जाएगा और इसमें दोषी पाए जाने वाले लोगों को मीडिया के माध्यम से सार्वजनिक भी किया जाएगा। ताकि समाज भी उनके गलत कृत्य को देखें। नये मुखिया ने कर्मचारियों को भी भरोसा दिया कि उनके हितों को नजरअंदाज नहीं किया जाएगा। फील्ड में उनकी सुविधाएं बढ़ाने के लिए काम होगा। वनाग्नि और बड़ी समस्याओं से निपटने के लिए एक थिंक टैंक बनेगा, जो ठोस कार्ययोजना तैयार करेगा। इसमें विभाग के ही अनुभवी अफसर शामिल होंगे। प्लांटेशन के बारे में पूछे गये एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि उनकी कोशिश होगी कि जहां भी वृक्षारोपण हो, उसकी सघन मानीटरिंग हो। इसके लिए बगैरा जीपीएस सिस्टम के साथ ही मैनुअल मानीटरिंग भी होगी।