60 वार्ड सम्भल नहीं रहे, 60 गांव का और ले लिया ठेका

जनविरोधी निर्णय है सीमा विस्तार: धस्माना
देहरादून। उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष व पिछले नगर निगम चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी रहे सूर्यकान्त धस्माना ने राज्य कैबिनेट के नगर निगम देहरादून की सीमा विस्तार के निर्णय को पुराने व विस्तार में शामिल क्षेत्र की जनता के अहित में लिया गया जनविरोधी निर्णय करार दिया।
श्री धस्माना ने कहा कि वर्तमान नगर निगम क्षेत्र के 60 में से 58 वार्ड पार्षदों ने पार्टी लाइन से ऊपर उठकर सीमा विस्तार का पुरजोर विरोध किया था व विस्तार में शामिल ग्रामीण क्षेत्र जिसमें मसूरी, रायपुर, धर्मपुर तथा डोईवाला विधानसभाओं की ग्राम पंचायतें हैं, वहां के समस्त चुने हुए जनप्रतिनिधियों, जिनमें ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत व जिला पंचायत सदस्य व ब्लॉक प्रमुख शामिल है, सबने नगर निगम में शामिल किये जाने का मुखर विरोध किया उसके बावजूद राज्य सरकार ने जनभावनाओं के विरुद्ध सीमा विस्तार को कैबिनेट की मंजूरी दी है जो सर्वथा निंदनीय व जनविरोधी फैसला है।
आज अपने कैम्प कार्यालय में पत्रकार वार्ता में श्री धस्माना ने कहा कि नगर निगम बोर्ड वर्तमान वर्तमान क्षेत्रफल के साठ वार्डों को नहीं सम्भाल पा रहा है, नगर निगम क्षेत्र में कूड़ा निस्तारण की कोई स्थायी व्यवस्था नहीं है, आये दिन सफाई कर्मचारियों की हड़ताल से महानगर की सफाई व्यवस्था चरमरा जाती है, नगर निगम पिछले नौ वर्षों से महानगर में किसी प्रकार का निर्माण कार्य नहीं कर रहा है, गली मौहल्लों व कॉलोनियों में जो सड़कें नगर निगम के अर्न्तगत आती हैं उनका बुरा हाल है, महानगर के वर्तमान क्षेत्रफल में कोई ड्रेनेज सिस्टम नहीं है, बारिशों में आधे से ज्यादा शहर में जलभराव हो जाता है, नगर निगम में पिछले विस्तार में शामिल ग्रामीण क्षेत्रों में निगम आज तक सफाई कर्मचारी नहीं भेज पाया है, 1998 में नगर पालिका परिषद के नगर निगम में उच्चीकृत हो जाने के बावजूद आज तक नगर निगम का प्रशासनिक व कार्मिकों का ढ़ांचा तैयार नहीं हो पाया है।
श्री धस्माना ने कहा कि जब साठ वार्डों के नागरिकों को नगर निगम नागरिक सुविधायें नहीं दे पा रहा है ऐसे में उसे साठ गांव का ठेका और दे दिया जाना औचित्यपूर्ण नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित क्षेत्रों में जनप्रतिनिधियों एवं नागरिकों की यह चिन्ता वाजिब है कि नगर निगम में शामिल होकर उनकी स्थिति ‘‘ना घर के ना घाट के’’ वाली न हो जाये। श्री धस्माना ने कहा कि वे शीघ्र ही उन तमाम क्षेत्रों मे जाकर जनता से संवाद करेंगे जिनको शामिल करने का प्रस्ताव किया गया है।

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