गढ़वाल का विकास न्यूज, देहरादून। राज्य सरकार ने पटवारी और लेखपालों की भर्ती निकाली है, बड़ी देर कर दी मेहरबां आते-आते। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सोशल मीडिया के माध्यम से कहा कि 2015 में यह भर्तियां हुई थी और आज 6 साल बाद राज्य सरकार को इन भर्तियों की याद आई है और इस मामले को भी इतना उलझा दिया है ताकि लोग न्यायालय की शरण में जाएं और भर्तियों पर रोक लग जाए, ताकि हमने भर्तियां निकाली भी यह कहने को हो जाए और भर्तियां करनी भी न पड़े, यह इरादा है राज्य सरकार का। इसलिए हाइट (ऊंचाई) को लेकर उत्तराखंडी मूल का एक कन्फ्यूजन पैदा किया गया है। सत्यता यह है कि आर्मी के लिए हाइट 163 सेंटीमीटर और लेखपाल वह पटवारी के लिए राज्य सरकार ने 168 सेंटीमीटर कर दी है। जबकि 2015 में 155 सेंटीमीटर पर यह भर्तियां हुई थी। क्या ऐसा अंतर आया है कि उत्तराखंडियों की हाइट बढ़ गई है, कोई स्टडी है? जिसके कारण आपने हाइट (ऊंचाई) को लेकर इतना बड़ा परिवर्तन किया है और उसमें मूल निवासी के नाम पर 5 सेंटीमीटर की छूट दी गई है जिसको लेकर एक बड़ा भ्रम पैदा हो रहा है और लोग हो सकता है भ्रम के निवारण के लिए कोर्ट जाएं और उतना ही बड़ा भ्रम कट ऑफ डेट को लेकर भी पैदा कर दिया। आप, कट ऑफ डेट आज की रखिये न जब आप भर्ती कर रहे हैं, 1 साल पीछे की कट ऑफ डेट के आधार पर आप भर्तियां करवा रहे हैं, जो उचित नहीं लगता है।