भू कानून पर प्रदेश की जनता को गुमराह कर रही भाजपा सरकार: धस्माना

– तिवारी कार्यकाल में कांग्रेस सरकार के भू कानून को भाजपा सरकारों ने पलीता लगाया,

– 2017 से 2024 तक हुई सभी जमीन खरीद फरोख्त की जांच हो : सूर्यकांत धस्माना

देहरादून, गढ़वाल का विकास डॉट कॉम। भू कानून के मामले में प्रदेश की भाजपा सरकार लगातार जनता को गुमराह कर रही है जबकि सच्चाई यह है कि प्रदेश में पहली निर्वाचित कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री श्री नारायण दत्त तिवारी ने प्रदेश को सबसे मजबूत और मुफीद भू कानून बना कर दिया था जिसे भारतीय जनता पार्टी की सरकारों ने ही नष्ट भ्रष्ट किया यह बात आज उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने अपने कैंप कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में कही। उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हाल ही में यह घोषणा करी थी कि भू कानून का उल्लंघन करने वालों पर प्रदेश सरकार कार्यवाही करेगी किंतु उन्होंने यह नहीं बताया कि तिवारी सरकार द्वारा बनाए गए भू कानून के साथ छेड़ छाड़ किसने की और किस सरकार के कार्यकाल में भू कानून में साढ़े बारह एकड़ से ज्यादा भूमि खरीद की सीलिंग समाप्त की गई और किस सरकार ने भू प्रयोजन का उपयोग बदलने पर उसे राज्य सरकार में निहित होने की शर्त को समाप्त कर दिया गया। श्री धस्माना ने कहा कि मुख्यमंत्री के आदेश पर राज्य की मुख्य सचिव द्वारा प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों से भूमि खरीद के संबंध में रिपोर्ट मांगी गई थी किंतु राज्य के किसी भी जिलाधिकारी ने कोई रिपोर्ट आज तक मुख्य सचिव को नहीं भेजी क्योंकि जब राज्य की सरकार ने स्वयं ही तिवारी सरकार के भू कानून को संशोधित कर भूमि खरीद की खुली छूट धन्ना सेठों को दे दी तो उसकी आड़ में जो जमीनों के सौदे हुए वह अवैध कैसे हो सकते हैं ? श्री धस्माना ने कहा कि कांग्रेस पार्टी प्रदेश सरकार से यह मांग करती है कि २०१७ से लेकर आज तक जमीनों की जितनी भी खरीद फरोख्त हुई है उसका खुलासा राज्य सरकार को करना चाहिए और तिवारी सरकार द्वारा बनाए गए भू कानून में श्री बीसी खंडूरी की सरकार के द्वारा किए गए अन्य सभी संशोधन रद्द कर वे सारी जमीन जो इन कानूनों के उलंघन कर खरीदी गई है वे राज्य सरकार में निहित की जानी चाहिए। श्री धस्माना ने कहा कि अगर राज्य की भाजपा सरकार की नियत साफ है तो तिवारी सरकार का भू कानून फिर से उत्तराखंड में लागू किया जाना चाहिए।

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