गढ़वाल का विकास न्यूज, देहरादून। तीलू रौतेली पुरस्कार के बनी चयन समिति के चयन पर सवाल खड़े करते हुए आप ने कहा कि भाजपा से जुड़ी महिलाओं को यह पुरस्कार देना उत्तराखंड का ही नहीं, वरन वीरांगना तीलू रौतेली का भी अपमान है। इस मौके पर आप द्वारा कुछ नाम भी सार्वजनिक किये गये, जिनको इस पुरस्कार से नवाजा गया।
आप प्रवक्ता संजय भट्ट ने पत्रकारों वार्ता में कहा कि तीलू रौतेली पुरस्कार सामाजिक, शिक्षा, साहित्य, वीरता, साहस, खेल पर्यावरण आदि क्षेत्र में उत्कृष्ट काम करने वाली महिलाओं को दिया जाता है लेकिन धामी सरकार ने इस पुरस्कार का राजनीतीकरण करते हुए इसमें कई बीजेपी महिला मोर्चा की पदाधिकारियों को ये पुरस्कार देकर एक गलत परम्परा को जन्म दे दिया। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड की बीजेपी सरकार ने जिन 22 महिलाओं को आज ये पुरस्कार दिए गए उनका सीधे तौर पर राजनीतीकरण किया गया है। उत्तराखण्ड की वीरांगना तीलू रौतेली पुरस्कार की श्रेणी में आधी से अधिक महिलाएं भाजपा महिला मोर्चा की पदाधिकारी हैं। जिसमें बीजेपी की पार्षद, पूर्व जिला अध्यक्ष भाजपा महिला मोर्चा, वर्तमान जिला अध्यक्ष महिला मोर्चा भाजपा, प्रदेश पदाधिकारी महिला मोर्चा बीजेपी, बीजेपी एनजीओ प्रकोष्ठ महिला मोर्चा, जिला महामंत्री भाजपा महिला मोर्चा, जिला पंचायत अध्यक्ष बीजेपी, जिला पंचायत प्रत्याशी बीजपी, मंत्री की बेटी उत्तराखण्ड सरकार आदि शामिल हैं।
इस मौके पर संजय भट्ट ने कुछ नाम सार्वजनिक भी किये, जिनको आज इस पुरस्कार से नवाजा गया। उन्होंने कहा कि तीलू रौतेली पुरस्कार के लिए चयनित यह 9 महिलाएं भाजपा की है।
1- रेनु गड़कोटी, मनोनीत पार्षद बीजेपी, नगर पंचायत लोहाघाट, बीजेपी महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष व विभिन्न पदों पर रहीं
2- भावना शर्मा, प्रदेश महामंत्री बीजेपी महिला मोर्चा
3- उमा जोशी, जिला महामंत्री, बीजेपी महिला मोर्चा उधमसिंह नगर
4- अनुराधा वालिया, प्रदेश उपाध्यक्ष बीजेपी महिला मोर्चा
5- बबिता पुनेठा, अध्यक्ष बीजेपी महिला मोर्चा एनजीओ प्रकोष्ठ
6- दीपिका वोहरा, जिला पंचायत अध्यक्ष पिथौरागढ़, बीजेपी
7- चन्द्रकला तिवारी, जिला अध्यक्ष चमोली बीजेपी महिला मोर्चा
8- दीपिका चुफाल, मंत्री बिशन सिंह चुफाल की पुत्री, बीजेपी के टिकट पर चिटगालगांव से जिला पंचायत चुनाव हारी
9- राजकुमारी चौहान पत्नी भरत चौहान PRO विधानसभा स्पीकर प्रेम चन्द्र अग्रवाल
संजय भट्ट ने कहा कि 22 महिलाओं में 3-4 महिलाओं को छोड़ कर पूरे उत्तराखण्ड को उनके बारे में ज्यादा पता नहीं है। न ही उनके विषय मे गूगल, सोशल मीडिया पर कुछ उपलब्ध है। उन्होंने कहा,आज के युग मे यदि कोई भी व्यक्ति किसी क्ष्रेत्र में कार्य करता है तो गूगल व सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर उससे जुड़ी लगभग सारी जानकारी मिल जाती हैं। लेकिन पुष्कर सिंह धामी सरकार द्वारा जारी सूची में अधिकांश उन महिलाओं को रखा गया है जो भाजपा महिला प्रकोष्ठ की पदाधिकारी हैं। यह तीलू रौतेली पुरस्कार का सीधे तौर पर अपमान है,ये उत्तराखंडियत का अपमान है। उन्होंने कहा कि सम्भवतः 22 में से 15-18 महिलाएं भाजपा से हैं या भाजपा के नेताओं की पुत्री-पत्नी हैं।
संजय भट्ट ने कहा कि धामी सरकार तीलू रौतेली पुरस्कार चयन प्रक्रिया को दूषित कर रही है। तीलू रौतेली पुरस्कार सामाजिक, शिक्षा, साहित्य, वीरता, साहस, खेल पर्यावरण आदि क्षेत्र में उत्कृष्ट काम करने वाली महिलाओं को दिया जाता है। न कि जिस पार्टी की उत्तराखण्ड में सरकार है उसकी कार्यकर्ता या पदाधिकारी को दिया जाना चाहिए वो भी तब जब पुरस्कार पाने वाली महिला इस क्राइटेरिया में नहीं आती है।