नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में बजट पेश कर दिया है। उन्होंने कहा है कि मोदी सरकार का लक्ष्य, मजबूत देश और मजबूत नागरिक बनाना है और सरकार की सारी नीतियां इसी ओर काम कर रही हैं। इस बजट में जहां उन्होंने मिडिल क्लास को कोई खास राहत नहीं दी, तो उसके ऊपर किसी तरह का कोई अतिरिक्त भार भी नहीं डाला है।
इन चीजों के बढ़ाए गए दाम
पेट्रोल-डीजल, PVC पाइप्स, टाइल्स, ऑटो पार्ट्स, मार्बल स्लैब, ऑप्टीकल फाइबर, CCTV कैमरा, इंपोर्टेंट किताबें, सोना और कीमती धातु।
इन चीजों के दाम में की गई कटौती-
आर्टिफिशियल किडनी, डायलिसिस मशीन, न्यूक्लियर फ्यूल।
होम लोन पर छूट, अमीरों पर अतिरिक्त टैक्स, मिडिल क्लास पर नहीं बढ़ा टैक्स का बोझ
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने करदाताओं को न कोई खास राहत दी है और न कोई ज्यादा बोझ डाला है। उन्होंने होम लोन लेने में अतिरिक्त ब्याज छूट देने की घोषणा की. उन्होंने कहा कि 45 लाख तक के घर पर अब 1.5 लाख की अतिरिक्त ब्याज छूट मिलेगा। यानि होम लोन के ब्याज पर कुल 3.5 लाख का छूट मिलेगी। वित्त मंत्री ने कहा, ”सस्ते मकान के लिए बैंक कर्ज के 3.5 लाख रुपये तक के ब्याज पर कर छूट का प्रस्ताव. इसमें 15 साल की अवधि के आवास कर्ज पर लाभार्थी को सात लाख रुपये तक का फायदा होगा।”
अमीरों पर बोझ: सरकार ने अमीरों पर टैक्स के बोझ डाले हैं। वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि जिनकी टैक्सेबल आमदनी 2 से 5 करोड़ है उन्हें 3 फीसदी ज्यादा टैक्स देना होगा. जिनकी आमदनी 5 करोड़ से 7 करोड़ के बीच है उन्हें 7 फीसदी ज्यादा देना होगा।
टीडीएस: वित्त मंत्री ने कहा कि एक साल में 1 करोड़ से ज्यादा कैश निकालने पर 2 फीसदी टीडीएस लगेगा। यानि अपने बैंक खाते से एक करोड़ से ज्यादा की नकद निकासी पर 2 प्रतिशत TDS लगेगा।
इलेक्ट्रिक वाहन: सीतारमण ने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद को लेकर लिये गये कर्ज पर ब्याज भुगतान में 1.5 लाख रुपये की आयकर छूट दी जाएगी।
कारपोरेट टैक्स: वित्त मंत्री ने कहा कि देश में 400 करोड़ रुपये का कारोबार करने वाली कंपनियों को अब 25 प्रतिशत की दर से कारपोरेट कर देना होगा। इससे पहले 250 करोड़ रुपये तक का कारोबार करने वाली कंपनियों पर कम दर से कर लगाया गया था। कंपनियों की कारोबार सीमा बढ़ने से अब 99.3 प्रतिशत कंपनियां घटे हुए दर के दायरे में आ गई हैं।
विरासत विवाद निपटान योजना का प्रस्ताव
वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी के दो साल पूरे होने के बावजूद 3.75 लाख करोड़ रुपये राजस्व से जुड़े पुराने विवाद अब भी लंबित हैं। इन पुराने विवादों के त्वरित निपटान के लिये विरासत विवाद निपटान योजना का प्रस्ताव किया गया। वित्त मंत्री ने कहा कि जिन लोगों के पास पैन कार्ड नहीं है, वे आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए आधार का इस्तेमाल कर सकते हैं।