चिकित्सकों को भी होनी चाहिए कानूनी जानकारी: जस्टिस राजेश टंडन

देहरादून, (गढ़वाल का विकास न्यूज)। चिकित्सकों को कानूनी जानकारी भी होनी चाहिए। वह  मेडिकल संबंधित कानूनों का पालन पूरी ईमानदारी से करें। उत्तराखंड राज्य विधि आयोग के अध्यक्ष जस्टिस राजेश टंडन ने दून मेडिकल कॉलेज में आयोजित संगोष्ठी में यह बात कही।

‘लीगल इश्यूज विद डॉक्टर्सÓ विषय पर आयोजित संगोष्ठी में चिकित्सकों के खिलाफ हिंसा में मानवाधिकार पर बोलते उन्होंने कहा कि चिकित्सक जानबूझकर गलती नहीं करता। उन्हें ठीक उसी तरह कानून की जानकारी होनी चाहिए, जैसे उपचार संबंधी ज्ञान होता है। जिससे गलतियों से बचा जा सकता है। डॉ. विजय कुमार ने मेडिकोलीगल इश्यूज इन सर्जरी पर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन से पहले रोग का सही इलाज व सही ज्ञान होना चाहिए। डॉ. अनुराग वर्मा ने कंसेंट इन मेडिकल प्रैक्टिस पर बोलते कहा कि किसी भी ऑपरेशन या परीक्षण से पहले अनुमति जरूरी है। कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना ने कहा कि चिकित्सकों को नियमित रूप से विधिक जानकारी दी जाएगी। इसके लिए समय-समय पर संगोष्ठी व प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित की जाएंगी।

कॉलेज के मेडिकोलीगल एक्सपर्ट डॉ. नीरज कुमार ने कहा कि मेडिकोलीगल जानकारी दुरुस्त कर चिकित्सक कानूनी पेचीदगी से बच सकते हैं। ऐसे में मेडिकोलीगल संबंधी मसले संभालना, विवादास्पद व कानूनी रूप से महत्वपूर्ण मामलों में दस्तावेजों का प्रबंधन सहित अन्य तमाम मसलों पर जागरूक किया जा रहा है। बीते कुछ सालों में चिकित्सक व तीमारदारों के बीच विवाद में भी इजाफा हुआ है। चिकित्सकों को बताया जाएगा कि इन परिस्थितियों से कैसे बचा जाए। ताकि वे कानूनी रूप से भी सुरक्षित रहें। इस संगोष्ठी में डॉ. चित्रा जोशी, डॉ. अंकिता जुयाल, अधिवक्ता हर्ष निधि शर्मा आदि का सहयोग रहा।

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