देहरादून। CM सचिवालय के अफसरों के कार्य में विभाजन किया गया है। इस विभाजन के अनुसार जहां सीएम कार्यालय के सभी महत्वपूर्ण व नीतिगत प्रकरण अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश देखेंगे वहीं भाजपा के घोषणा पत्र के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी के साथ ही कार्मिक, गृह व आबकारी जैसे कई महत्वपूर्ण प्रकरण अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी देखेंगी।
ओम प्रकाश- मंत्रि परिषद से संबंधित प्रकरण, राष्ट्रपति/प्रधानमंत्री व केंद्रीय मंत्रियों व अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों से संबंधित प्रकरण, अन्तरराष्ट्रीय संवाद, न्यायपालिका से संबंधित प्रकरण, आवंटित विभागों के बीच समन्वय, वित्त, राजस्व, सचिवालय प्रशासन, खनन, विधि, न्याय, संसदीय कार्य, वन एवं पर्यावरण से संबंधित प्रकरण देखेंगे।
राधा रतूड़ी – गृह, कार्मिक, सर्तकता, आबकारी, ऊर्जा, औद्योगिक विकास, निर्वाचन, नागरिक उड्डयन, एमएसएमई व सूचना प्रौद्योगिकी विभागों के साथ ही विधानसभा से संबंधित प्रकरण, राष्ट्रीय व अन्तरराज्यीय विकास परिषद, नीति आयोग से संबंधित प्रकरण भी देखेंगी। उन पर भाजपा के घोषणा पत्र के क्रियान्वयन की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी भी होगी।
अमित नेगी (सचिव) – केंद्र सरकार के साथ समन्वय तथा बैठकें, मुख्यमंत्री की घोषणाएं, राजभवन से संबंधित प्रकरण देखेंगे। इसके साथ ही उन्हें पेयजल, सिंचाई, बाढ़ नियंत्रण, लघु सिंचाई, खाद्य एवं नागरिक आपूत्तर्ि, नियोजन व बाह्य सहायतित परियोजनाएं, भारत-नेपाल नदी परियोजनाएं, जलागम, पुनर्गठन, आवास, राज्य संपत्ति, लोक निर्माण विभाग, शहरी विकास एवं सूचना विभाग की जिम्मेदारी दी गयी है।
राधिका झा (सचिव)- केंद्र सरकार के साथ समन्वय एवं प्रियोरिटी प्रोग्राम का क्रियान्वयन, मुख्यमंत्री की विभागीय व जनपदीय बैठकों का एजेंडा तैयार करना, सीएम डैसबोर्ड की मानीटरिंग भी वे देखेंगी। इसके अलावा उद्यान, गन्ना विकास चीनी उद्योग, विद्यालयी शिक्षा, उच्च शिक्षा, ग्राम्य विकास, पंचायती राज, अवस्थापना विकास, परिवहन, उद्योग, पर्यटन, संस्कृति, वित्त वाणिज्यकर, स्टांप एवं निबंधन, तकनीकि शिक्षा एवं प्रशिक्षण, सुराज, भ्रष्टाचार उन्मूलन एवं जन सेवा व प्रशासनिक सुधार विभाग दिये गये हैं।
प्रदीप रावत (अपर सचिव)- मुख्यमंत्री राहत कोष, विवेकाधीन कोष, भाजपा के घोषणापत्र का क्रियान्वयन, विधानसभा क्षेत्रों की समीक्षा व अनुश्रवण, महत्वपूर्ण एवं गोपनीय डाक का निस्तारण के साथ ही प्रशासकीय नियंतण्रव तृतीय व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के सेवा प्रकरण दिये गये हैं। इसके साथ ही उन्हें आयुष व आयुष शिक्षश, विज्ञान प्रौद्योगिकी, जैव प्रौद्योगिकी, प्रौढ़ शिक्षा, संस्कृत शिक्षा, धर्मस्व, मत्स्य, रेशम, दुग्ध विकास, खादी ग्रामोद्योग, सैनिक कल्याण, नागरिक सुरक्षा, चकबंदी, श्रम, कृषि, पशुपालन, फलोद्योग व सहकारिता दिये गये हैं।
डा. मेहरबान सिंह बिष्ट (अपर सचिव)- राजकीय विभागों की कार्य योजनाएं एवं मुख्यमंत्री के निर्णयों का क्रियान्वयन व अनुश्रवण, मुख्यमंत्री की बैठकों का प्रस्तुतिकरण, मंत्रियों, सांसदों व विधायकों व अन्य जनप्रतिनिधियों के पत्रों पर कार्यवाही, मुख्यमंत्री व अपर मुख्य सचिव व सचिव के द्वारा संदर्भित प्रकरण, आरडब्ल्यू क्षेत्र विकास, ग्रामीण सड़कें, कारागार चिकित्सा, स्वास्य एवं परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा दिये गये हैं। इसके साथ ही सामान्य प्रशासन, प्रोटोकाल, शिकायत, बाल विकास, समाज कल्याण, महिला कल्याण, अल्पसंख्यक कल्याण, विकास कल्याण, खेल एवं युवा कल्याण, आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास भी वही देखेंगे।
ओमप्रकाश द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि प्रदीप रावत की फाइलें अपर मुख्य सचिव और मेहरबान सिंह बिष्ट की फाइलें सीधे सचिव के पास जाएंगी। अपर मुख्य सचिव व सचिव पत्रावलियों को सीधे मुख्यमंत्री को प्रस्तुत कर सकेंगे। अफसरों को एक दूसरे का लिंक अफसर भी बनाया गया है। इसके अलावा जो विषय कार्य विभाजन में शामिल नहीं हो पाये, उन्हें अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश अपने विवेक से अधिकारियों को आवंटित करेंगे।