DM ने की विकास योजनाओं की समीक्षा, दिये दिशा-निर्देश

देहरादून। जिलाधिकारी एस.ए मुरूगेसन जनपद में विभिन्न विभागों द्वारा संचालित विकास योजनाएं जिसमें पंचायतीराज विभाग, डी.आर.डी.ए और स्वजल द्वारा संचालित की जा रही योजनाओं की समीक्षा मुख्य विकास अधिकारी कक्ष में सम्बन्धित अधिकारियों के साथ समीक्षा की गयी।
बैठक में जिलाधिकारी ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि उनके विभागों द्वारा जो योजनाएं संचालित की जा रही हैं उन योजनाओं की सूची उन्हे उपलब्ध कराते हुए इसमें यह उल्लेख अवश्य किया जाये की कौनसी योजना पर कब कार्य शुरू होगा तथा पूर्ण होने की तिथि का उल्लेख किया जाये तथा उनके द्वारा जो भी योजनाएं संचालित की जा रही हैं उनका पूर्ण विवरण उन्हे तथा मुख्य विकास अधिकारी को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। उन्होने यह भी निर्देश दिये हैं कि जिन ग्राम सभाओं में जिन-2 विभागों की योजनाएं संचालित की जा रही हैं उनका भी साईन बोर्ड अवश्य लगायें जिसमें योजना की लागत एवं कार्य शुरू एवं पूर्ण होने की तिथि का भी अंकन अवश्य किया जाये। उन्होने सभी जनपदीय अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि सभी अधिकारी आपसी समन्वय के साथ कार्य करने के निर्देश दिये।
जिलाधिकारी द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना की समीक्षा करते हुए सम्बन्धित अधिकारियों को आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिये। उन्होने कहा कि जो आवास विहीन है तथा जो पात्रता में आते हैं उन्हे हरसम्भव आवास उपलब्ध कराये जायें, जिस पर परियोजना निदेशक डी.आर.डी.ए रावत ने अवगत कराया है कि इस योजना के तहत 2022 तक आवास विहीनों का आवास उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें अब-तक 2077 लोगों को चिन्हित किया गया है तथा आवसीय कार्यवाही गतिमान है जिसके लिए 397 करोड़ रू0 की धनराशि निर्गत कर दी गयी है।
जिलाधिकारी द्वारा एन.आर.एल.एम योजना की समीक्षा की गयी, जिसमें सम्बन्धित अधिकारी द्वारा अवगत कराया गया है कि इस योजना के तहत ग्राम स्तर पर समूहों का चयन किया जाता है, जिसके लिए तेलंगाना से एक एन.जी.ओ का गठन किया गया है, जो ग्रामीण स्तर पर महिलाओं को प्रशिक्षण देने का कार्य कर रहे हैं वर्तमान समय में जनपद देहरादून के 4 विकासखण्डों का चयन किया गया है, जिसमें रायपुर, सहसपुर विकासनगर एवं डोईवाला शामिल है। इन विकासखण्डों में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उनके द्वारा चयन किये गये व्यवसाय के तहत धनराशि उपलब्ध कराई जाती है, जो ब्याज रहित होती है, जिसमें छोटे व्यवसाय के लिए पहले तीन माह 10 हजार, छ माह के बाद सी.आई.एफ के तहत 1 लाख का फण्ड दिये जाने का प्रावधान है।
मनरेगा योजना की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने योजना के तहत पात्र व्यक्तियों को रोजगार उपलब्ध कराते हुए इस योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में बाढ सुरक्षा के कार्य, तार-जाल के कार्य एवं गावं की सड़क निर्माण नाली निर्माण का कार्य प्राथमिकता के आधार करने के निर्देश दिये। स्वजल की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने निर्देश दिये हैं कि जिन गावं में खुले में शौचमुक्त किया जाना है उन गावं में शीघ्रता-शीघ्र धनराशि उपलब्ध कराते हुए शौचालय बनाने के निर्देश दिये। जिलाधिकारी द्वारा पंचायतीराज विभाग की समीक्षा करते हुए उन्होने जिला पंचायतराज अधिकारी को निर्देश दिये हैं कि जिन ग्राम पंचायतों का सोशल आॅडिट नही हो पाया है ऐसी ग्राम पंचायतों में सोशल आॅडिट कराना सुनिश्चित करें, जिसके लिए सम्बन्धित खण्ड विकास अधिकारी एवं सहायक खण्ड विकास अधिकारियों को आवश्क दिशा-निर्देश जारी करते हुए अपने-क्षेत्रों में आदेशों का अनुपालन सुनिश्चित करायें। जिलाधिकारी द्वार ग्राम पंचायतो को आॅनलाईन व्यवस्था से जोड़ने के लिए इस पर की जा रहे कार्य की प्रगति पर भी जानकारी चाही गयी। जिस पर जिला पंचायतराज अधिकारी ने अवगत कराया है कि निदेशालय स्तर पर इसकी कार्यवाही गतिमान है तथा माह सितम्बर से 2017 से सभी ग्राम पंचायतों को आॅनलाईन व्यवस्था से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है, जिसके माध्यम से कोई भी व्यक्ति परिवार रजिस्टर की नकल, जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्र आॅनलाईन प्राप्त किया जा सकता है।
बैठक मुख्य विकास अधिकारी जी.एस रावत, जिला विकास अधिकारी प्रदीप कुमार पाण्डेय, परियोजना निदेशक डी.आर.डी.ए आर.एस रावत, एन.आर.एल.एम अधिकारी संजीव विक्रम, जिला पंचायतराज अधिकारी एम. जफर खान, परियोजना निदेशक स्वजल सुमन कुटियाल सहित सम्बन्धित अधिकारी मौजूद थे।

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