78 विदेशी कैडेट भी हुए पास आउट
देहरादून। भारतीय सैन्य अकादमी (आइएमए) में अंतिम पग भरते ही 409 नौजवान भारतीय सेना का हिस्सा बन गए। इसके साथ ही 78 विदेशी कैडेट भी पास आउट हुए। बांग्लादेश के सेना प्रमुख जनरल अबू बिलाल मोहम्मद शाह फिउल हक ने परेड की सलामी ली।
कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच शनिवार को भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) की पासिंग आउट परेड का आयोजन किया गया। सुबह 8 बजकर 50 मिनट पर मार्कर्स कॉल के साथ परेड का आगाज हुआ। इसके बाद विभिन्न कंपनियों के सार्जेंट मेजर ने ड्रिल स्क्वायर पर अपनी-अपनी जगह ली। 8.55 पर एडवांस कॉल के साथ ही छाती ताने जैंटलमैन कैडेट परेड के लिए ड्रिल स्क्वायर पर पहुंचे। देश के ये भावी कर्णधार जैसे ही ड्रिल स्क्वायर पर पहुंचे, आईएम परिसर तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। इसके बाद परेड कमांडर चंद्रकांत आचार्य ने ड्रिल स्क्वायर पर जगह ली। एक साथ उठते कदम और गर्व से तने सीने दर्शक दीर्घा में बैठे हरेक शख्स के भीतर ऊर्जा का संचार कर रहे थे। कैडेट्स ने शानदार मार्चपास्ट से दर्शक दीर्घा में बैठे हर शख्स को मंत्रमुग्ध कर दिया।
परेड में रिव्यूइंग अफसर के रूप में पहुंचे बांग्लादेश के सेना प्रमुख जनरल अबू बिलाल मोहम्मद शाह फिउल हक ने कहा कि IMA परेड में बतौर रिव्यूइंग अफसर पहुंचकर गौरव की अनुभूति हुई है। उन्होंने कहा कि भारत व बांग्लादेश के बीच वर्षों से दोस्ताना संबंध रहे हैं। हमारी सिर्फ सीमाएं ही नहीं मिलती, बल्कि भारत बांग्लादेश में भौगोलिक, सामाजिक व सांस्कृतिक समानताएं भी हैं। यह क्षण भारत बांग्लादेश के बीच संबंधों को और आगे ले जाएगा। खासकर दोनों सेनाओं के बीच रिश्तों की नींव और मजबूत हुई है। उन्होंने 1971के युद्ध को याद करते कहा कि भारतीय सेना ने मुक्ति संग्राम में कंधे से कंधा मिलाकर सहयोग दिया। इस दौरान उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वालों को सम्मानित भी किया।
वहीं बता दें कि आईएमए से देश को मिले युवा सैन्य अफसरों में यूपी से सबसे ज्यादा 76 कैडेट हैं, जबकि उत्तराखंड से 38, दिल्ली से 22, बिहार से 25, झारखंड से 5, हरियाणा से 58, मध्य प्रदेश से 19, पंजाब से 24 युवा सेना में शामिल हुए। जम्मू कश्मीर से भी 9 युवा सेना में अफसर बने। पासिंग आउट परेड में आर्मी ट्रेनिंग कमांड के जनरल ऑफिसर ले.ज. मनोज मुकुंद नरावने, आईएमए के कमांडेंट ले.ज.एसके झा, डिप्टी कमाडेंट जेएस मेहरा समेत सैन्य अफसर, पास आउट हुए नव सेना अफसरों के परिजन, पूर्व सैन्य अफसर मौजूद रहे।
इन्हें मिला पदक
चंद्रकांत आचार्य को प्रतिष्ठित स्वार्ड आफ आनर व स्वर्ण पदक।
अमरप्रीत सिंह को रजत पदक।
सौरभ दास को कांस्य पदक।
रनावत यादागिरी को सिल्वर मेडल (टीजी)।
तजाकिस्तान के एलेक्जांडर सर्वश्रेष्ठ विदेशी कैडेट चुने गए।
चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ बैनर नौशेरा कंपनी को मिला।