80 विदेशी कैडेट भी हुए पास आउट, IMA पासिंग आउट परेड
देहरादून। भारतीय सैन्य अकादमी (IMA) में अंतिम पग भरते ही 347 भारतीय जांबाज और मित्र राष्ट्रों के 80 कैडेट्स सैन्य अफसर बन गए। उपसेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल देवराज अन्बु ने परेड की सलामी ली और बहादुर कैडेट्स को पुरस्कृत किया।
कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच शनिवार को भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) की पासिंग आउट परेड का आयोजन किया गया। सुबह मार्कर्स कॉल के साथ परेड का आगाज हुआ। कंपनी सार्जेट मेजर अरविंद, मनीष कुमार, हितेष चंदा, संजय पंत, ठाकुर हर्षवर्धन, अहंतम, राहुल सिंह व बृजेश पाल सिंह ने ड्रिल स्क्वायर पर अपनी-अपनी जगह ली। एडवास कॉल के साथ ही छाती ताने देश के भावी कर्णधार कदम बढ़ाते कैडेट गुरवीर सिंह तलवार के नेतृत्व में परेड के लिए पहुंचे। परेड कमांडर अर्जुन ठाकुर ने ड्रिल स्क्वायर पर जगह ली। देश के ये भावी कर्णधार जैसे ही ड्रिल स्क्वायर पर पहुंचे, आईएम परिसर तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।
एक साथ उठते कदम और गर्व से तने सीने दर्शक दीर्घा में बैठे हरेक शख्स के भीतर ऊर्जा का संचार कर रहे थे। कैडेट्स ने शानदार मार्चपास्ट से दर्शक दीर्घा में बैठे हर शख्स को मंत्रमुग्ध कर दिया। तालियों की गड़गड़हाट के साथ कदम से कदम मिलाते 427 जेंटलमैन कैडेट ( 347 भारतीय व 80 कैडेट्स मित्र राष्ट्रों के ) ने रिव्यूइंग अफसर उपसेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल देवराज अन्बु को सलामी दी। जेंटलमैन कैडेटों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि नियंतण्र स्तर पर भारतीय सेना की अपनी अलग पहचान है। युवा जांबाज सेना की परम्परा को बनाये रखें।आज 24 घंटे इन्फार्मेशन वारफेयर चल रहा है। यह आपकी सोच, मूल प्रकृति व मूल्यों को प्रभावित करने का प्रयास करेगी। आप इस चुनौती का दृढता से सामना करें और इस मंशा को कामयाब न होने दें। उन्होंने कहा कि वर्तमान दौर में युद्ध तकनीक का तेजी से विकास हुआ है। पर उपकरण के पीछे रहने वाले व्यक्ति का महत्व फिर भी बना रहेगा।
इसके बाद पदक विजेताओं को अवार्ड दिए गए। कैडेट अर्जुन ठाकुर को स्वार्ड ऑफ ऑनर व स्वर्ण पदक प्रदान किए गए। रजत पदक गुरवीर सिंह तलवार को दिया गया। हर्ष बंसीवाल ने सिल्वर मेडल (टीजी) हासिल किया। कांस्य पदक गुरवंश सिंह गोसाल को मिला। सर्वश्रेष्ठ विदेशी कैडेट बिशाल चंद्र वाजी चुने गए। चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ बैनर सैंगरो कंपनी को मिला। इस दौरान हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा भी की गई। इस अवसर पर इन युवा अफसरों के परिजन भी आईएमए में मौजूद रहे। यह पल उन्हें गौरवान्वित कर गया।
नयी परंपरा की रखी गई नींव
IMA में इस बार एक नयी परंपरा की नींव रखी गई है। परेड की शुरुआत कुछ बदलाव के बीच हुई। यह पहली बार था जब अकादमी के असिस्टेंट एडजुटेंट मेजर अंगद सिंह व ड्रिल इंस्ट्रक्टर सूबेदार मेजर सुल्तान सिंह शेखावत भी परेड कमांडर के साथ ड्रिल स्क्वायर पर पहुंचे। इसके अलावा परेड स्थल पर पूर्व अधिकारियों का भी सम्मानस्वरूप स्वागत किया गया। इनमें अकादमी के पूर्व कमान्डेंट ले जनरल केके खन्ना, ले जनरल गंभीर सिंह नेगी और पूर्व एडजुटेंट मेजर जनरल राजेंद्र सिंह व कर्नल राकेश नायर शामिल थे।