नहीं रही स्वर कोकिला लता मंगेशकर

06 फरवरी, गढ़वाल का विकास डॉट कॉम, मुंबई/ नई दिल्ली। अपनी सुरीली आवाज से लोगो के दिलों पर राज करने वाली लता मंगेशकर का आज 92 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। स्वर कोकिला लता मंगेशकर ने मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्‍पताल में अंतिम सांस ली। भारत रत्न प्राप्त लता मंगेशकर की याद में दो दिवसीय राष्ट्रीय शोक घोषित किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र सिंह मोदी ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी है।
मालूम हो कि लता मंगेशकर जनवरी में कोरोना पॉजिटिव पाई गई थी,जिसके बाद उन्हें मुंबई के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था, बाद में लता मंगेशकर को निमोनिया भी हो गया था। हालत बिगड़ने के बाद उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था। उनकी हालत में सुधार के बाद वेंटिलेटर सपोर्ट भी हट गया था,लेकिन 5 फरवरी को अचानक उनकी स्थिति बिगड़ने पर उन्हें फिर से वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया। और आज सुबह उन्होंने 8 बजकर 12 मिनट पर अपनी आखिरी सांस ली।
महान गायिका लता मंगेशकर की याद में दो दिवसीय राष्ट्रीय शोक मनाया जाएगा। मीडिया खबरों के मुताबिक सम्मान के तौर पर दो दिनों तक आधा राष्ट्रीय ध्वज झुका रहेगा। विदित हो कि लता मंगेशकर ने 13 साल की उम्र में गायन में कदम रखा और 1942 में अपना पहला गाना रिकॉर्ड किया। सात दशकों के अपने करियर में, उन्होंने विभिन्न भाषाओं में 30,000 से अधिक गाने गाए।

लता मंगेशकर के गाए हुए अनेक गीतों में सर्वाधिक याद करने वाला “ऐ मेरे वतन के लोगों” एक ऐसा गीत है जो आज भी सभी भारतीयों के मन में रचा बसा है और देशभक्ति की भावना को जगाने वाला है।उनकी आवाज में गाया गया यह गीत सुनते ही बरबस ही शहीदों की याद में अश्रु आ जाते है।

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