गढ़वाल का विकास न्यूज, देहरादून। वैश्विक महर्षि संगठन के वार्षिक वैदिक सम्मेलन में भारत के पूर्व शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक को संस्था का सबसे प्रतिष्ठित विशेष पुरस्कार “महर्षि अन्तर राष्ट्रीय अजेय स्वर्ण पदक पुरस्कार” प्रदान किया गया जिसमें संस्था के 119 से अधिक देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया
ज्ञातव्य है कि इस सम्मान की घोषणा मई महीने में क़ी गयी। संगठन के वैश्विक प्रमुख डॉ टोनी नाडर के नेतृत्व में गठित उच्चाधिकार प्राप्त समिति ने व्यापक विचार-विमर्श के बाद क़ी थी। स्वर्ण पदक प्राप्त करते हए डॉक्टर निशंक ने कहा कि “कोरोना संक्रमण काल की भयावह स्थिति में हमारे कोरोना योद्धा ही वास्तविक नायक हैं मैंने हाल में ही कोरोना की पीड़ा को झेला है। उन्होंने कहा कि अपनी जान की परवाह किए बग़ैर हमारे डॉक्टर, नर्स व अन्य स्वास्थ्य कर्मी चौबीसों घंटे मरीजों की सेवा सुश्रुषा में लगे रहते हैं। डॉ. निशंक ने उनकी जिजीविषा, समर्पण भाव , उनकी कर्तव्य परायणता को प्रणाम किया और अत्यंत विनम्रता से यह पुरस्कार उन योद्धाओं को समर्पित करने की बात कहीं।
ग्लोबल महर्षि संगठन की ओर अपने वक्तव्य में कहा गया कि अत्यंत निर्धन पृष्ठ भूमि से उठकर डॉक्टर निशंक ने एक श्रेष्ठ साहित्यकार, कवि, राजनेता के रूप में मानवीय मूल्यों की स्थापना के लिए उत्कृष्ट कार्य किया है। साथ ही यह भी कहा गया कि अपने उत्कृष्ट लेखन, समर्पित सामाजिक सेवा और सर्वश्रेष्ठ सार्वजनिक जीवन के माध्यम से मानवता की अद्वितीय सेवा के लिए, वैज्ञानिक आधार से विश्व शांति के लिए भारतीय ज्ञान परम्परा एवं शाश्वत मूल्यों का समर्थन प्रचार प्रसार करने और भारत की शैक्षिक प्रणाली में इसे समाहित करने के लिये डॉ निशंक को सदैव याद किया जाएगा। इससे पूर्व डॉक्टर निशंक ने सभी को गुरुपूर्णिमा की शुभकामना और बधाई दी। वैदिक भारत परियोजना के राष्ट्रीय निदेशक श्री दिग्विजय भी कार्यक्रम के दौरान डॉ निशंक के साथ उपस्थित रहे।