रूद्रपुर 05 अप्रैल, गढ़वाल का विकास डॉट कॉम। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत राष्ट्रीय स्वास्थ्य मानसिक कार्यक्रम के तहत तनाव और निद्रा सम्बंधी समस्याओं के प्रबंधन हेतु एक दिवसीय कार्यशाला जिलाधिकारी युगल किशोर पंत की अध्यक्षता में डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम सभागार में संपन्न हुई।
जिलाधिकारी ने कहा कि कोई भी ऐसा व्यक्ति नहीं होगा, जिसको तनाव न होता हो। उन्होंने कहा कि एक हद तक तनाव का होना अच्छी बात है परंतु एक हद के बाहर तनाव का हो जाना यह खतरनाक हो सकता है। उन्होंने कहा कि जब यही तनाव हमारी रोजमर्रा की जिंदगी में हमें परेशान करने लगता है तो बहुत सारी परेशानियां आने लगती हैं। उन्होंने कहा कि जिस व्यक्ति को तनाव हमेशा रहता है उसको इलाज के लिए किसी मनोवैज्ञानिक आदि से सलाह लेनी चाहिए। उन्होंने स्पष्ट कहा कि यह बात याद रखें कि यह कोई शर्म की बात नहीं है, यह कोई पागलपन या कोई बीमारी नहीं बल्कि ऐसा कभी भी किसी भी व्यक्ति के साथ हो सकता है।
उन्होंने कहा कि तनाव के साथ ही नींद न आने के विभिन्न कारण हो सकते हैं। जिलाधिकारी ने कहा कि आजकल कई लोगो को किसी न किसी कारण से तनाव रहता ही है तो सभी को एक दूसरे से बात करके इसका हल निकालना चाहिए, हो सके तो अपने अधिकारी से बात करो, क्योकि अगर आप लोग ऐसा नही करोगे तो इसका असर आपके परिवार, कार्यालय और देश सब पर पडेगा।
जिलाधिकारी ने कहा कि जनपद में भी एक स्लीप क्लिनिक होना चाहिए, इसके लिए डॉ. रवि गुप्ता से एक प्रभावशाली प्रस्ताव बनाकर शासन में पत्राचार करने को कहा, साथ ही उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग के कर्मचारीयों को भी ड्यूटी के दौरान काफी तनाव रहता है, इसलिए एक कार्यशाला पुलिस विभाग के साथ भी आयोजित की जाए।
मास्टर ट्रेनर डॉ. रवि गुप्ता नें बताया कि नींद पूरी न होने के कारण हमें कई सारी बिमारियों का सामना करना पड सकता है, देश में कई सारे लोग ऐसे है जिन्हे नींद पूरी न होने कि वजह से कई सारी बिमारियों का सामना करना पडता है। उन्होंने बताया कि नींद पूरी न होने का सबसे बडा कारण मोबाइल फोन है, रात को साने के समय मोबाइल फोन इस्तमाल नहीं करना चाहिए। उन्होने कहा कि जिन लोगो कि नींद पूरी नही होती है वह विभिन्न अनैतिक माध्यमों का सहारा लेते है, 40 प्रतिशत एक्सीडेन्ट नींद पूरी न होने के कारण होते है। उन्होने कहा कि नींद पूरी न होने का एक कारण तनाव भी हो सकता है। प्रत्येक व्यक्ति को कम से कम 8 घण्टे सोना चाहिए।
इस अवसर पर जिलाधिकारी युगल किशोर पन्त, मुख्य विकास अधिकारी विशाल मिश्रा, उप जिलाधिकारी प्रत्यूष सिंह, एसपी सिटी मनोज कत्याल, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, उत्तराखण्ड एवं एम्स ऋषिकेश की टीम व समस्त विभाग उपस्थित थे।
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