देहरादून। बच्चों की नींव मजबूत करने के साथ ही 10वीं की परीक्षा आसानी से पास करने के उद्देश्य से काउंसिल फॉर इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एक्जामिनेशन(CISCE) ने जरूरी कदम उठाने शुरू कर दिये है। इन्ही कदमों के तहत CISCE के 5वीं व 8वीं कक्षा को भी बोर्ड बनाने जा रहा है। यह नियम 2018 से लागू होने की संभावना जतायी जा रही है।
मीडिया में चल रही खबरों पर यदि विश्वास किया जाए तो CISCE ने गुणात्मक सुधार के लिए कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। CISCE 5वीं और 8वीं कक्षा को भी बोर्ड का दर्जा देने जा रहा है। ताकि बच्चों की नींव मजबूत हो और वह 10वीं में अच्छे अंकों से पास हो पाएं। इसके अलावा बोर्ड तीन अनिवार्य विषय संस्कृत, योग और परफॉर्मिंग आर्टस् की भी शुरुआत करने जा रहा है। योग और परफॉर्मिंग आर्टस् कक्षा एक से 8 और संस्कृत कक्षा पांच से 8 के बच्चों को पढ़ाई जाएगी।
सूत्रों के मुताबिक अब 5वीं और 8वीं बोर्ड परीक्षा में एक स्कूल की आंसर शीट दूसरे स्कूल द्वारा चेक की जाएंगी। ठीक वैसे ही जैसे कि 10वीं बोर्ड में किया जाता है। यहां तक कि 5वीं और 8वीं परीक्षा के प्रश्न पत्र भी बोर्ड ही तैयार करेगा। साथ ही सभी आइसीएसई संबद्ध स्कूलों को नर्सरी से लेकर 10 तक एक जैसे पाठ्यक्रम का पालन करना होगा। अब तक स्कूलों को नर्सरी से कक्षा 10 तक पाठ्यक्रम तय करने की आजादी दी गई थी। नया यूनिफॉर्म सिलेबस साल 2018 से लागू किया जाएगा। इस दौरान कुछ स्कूल के प्राचायों से सम्पर्क साधा गया तो, उन्होंने बताया कि बोर्ड पाठ्यक्रम को लेकर आवश्यक बदलाव कर रहा है। समान पाठ्यक्रम पर भी काम चल रहा है। जहां तक 5वीं व 8वीं कक्षा को बोर्ड का दर्जा देने की बात है, इसे लेकर अभी कोई आधिकारिक आदेश नहीं मिला है।