देहरादून। देहरादून में पंजीकृत आईएमए ब्लड बैंक पर बंदी की तलवार लटक रही है। भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने उसे डिफाल्टर सूची में डाल दिया है। विदेशी सहायता हासिल करने से संबंधित दस्तावेज भारत सरकार को न देने के चलते यह कार्रवाई की गई है।
केंद्र सरकार ने देशभर में स्थित पांच हजार से ज्यादा संगठनों के खिलाफ ऐसी कार्रवाई की है। पूरे भारत में स्थित 5922 संगठनों में से उत्तराखंड का संभवत: अकेला संगठन ब्लड बैंक है। सार्वजनिक रूप से ब्लड बैंक के नाम से विख्यात इस संगठन को विदेश से धन प्राप्त होता है। गौरतलब है कि विदेश से धन प्राप्त करने के लिए भारत सरकार के गृह मंत्रालय में पंजीकरण कराना होता है। उस पंजीकरण के बाद प्रक्रिया के तहत हर साल भारत सरकार को सूचना उपलब्ध करानी पड़ती है। इसके अलावा मांगे जाने पर अतिरिक्त सूचना भी केंद्र सरकार को देनी होती है। हाल ही में केंद्र सरकार ने इस मामले को लेकर कड़ा रुख अपनाया था। विदेशों से धन हासिल करने वाली सभी संस्थाओं के खिलाफ केंद्र सरकार ने इस तरह का अभियान चलाया था।
सरकार को अंदेशा है कि विदेशी सहायता से संचालित कई संगठन राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में शामिल रहते हैं। इसके चलते ही भारत सरकार ने देशभर में स्थित उन सभी संस्थाओं को नोटिस जारी किया था। उस नोटिस के बाद कई संस्थाओं ने उससे संबंधित दस्तावेज केंद्र सरकार को उपलब्ध करा दिए। 10 जुलाई तक देशभर में 5922 ऐसे संगठन पाए गए, जिन्होंने भारत सरकार को वांछित सूचनाएं नहीं दी। इसी तरह की श्रेणी में देहरादून में स्थित आईएमए ब्लड बैंक है। केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा जारी सूची में आईएमए को 5280 क्रमांक पर चिह्नित किया गया है। इस संस्थान को पंजीकरण रद्द करने का नोटिस जारी किया गया है। भारत सरकार की तरफ से भेजे गए पत्र में उन्हें अभी तक सूचना उपलब्ध नहीं कराए जाने का वाजिब कारण बताए जाने को कहा गया है।