नैनीताल/देहरादून। नैनीताल उच्च न्यायालय ने देहरादून में शिमला बाइपास स्थित आसन नदी के किनारे खसरा नंबर 1862 की जमीन पर राज्य सरकार से 19 जुलाई तक तक रिपोर्ट पेश करने को कहा है। मामले में देहरादून निवासी आजाद अली ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर कहा है कि देहरादून की आसन नदी के किनारे सरकार व नगर निगम की अनुमति के बिना लोगों ने अतिक्रमण किया हुआ है। इसकी शिकायत सरकार व नगर निगम से की गयी, परंतु दोनों की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गयी। पूर्व में न्यायालय ने इस मामले में सरकार से स्थिति बताने को कहा था, जिस पर सरकार ने न्यायालय को बताया था कि आसन नदी के किनारे सुमेरु इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी के द्वारा नदी के पास की खसरा नंबर 1862 की जमीन पर निर्माण कार्य किये जा रहे हैं। याची का कहना था कि निर्माण कर रही कंपनी के खिलाफ आपराधिक मामले भी चल रहे हैं। न्यायालय ने मामले की सुनवाई करते हुए नैनीताल उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति केएम जोसेफ व न्यायमूर्ति आलोक सिंह की खंडपीठ ने राज्य सरकार से खसरा नंबर 1862 की जमीन की जांच कर 19 जुलाई की अगली जांच तिथि नियत करते हुए रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिये।