देहरादून (गढ़वाल का विकास न्यूज)। उत्तराखंड की त्रिवेन्द्र सरकार में काबिना मंत्री के रूप में अपने दायित्वों का निवर्हन कर रहे हरक सिह रावत का दर्द एक बार फिर छलक उठा। यह दर्द था सूबे का मुख्यमंत्री न बन पाने का। डा. रावत का कहना था कि यदि प्रीतम सिंह व इन्दिरा ह्दयेश उनका साथ देते, तो 2012 में वह मुख्यमंत्री बन जाते।
उत्तराखंड की लगभग हर चुनी हुई सरकार में काबिना मंत्री के रूप में अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहे हरक सिंह रावत को अब भी प्रदेश का मुख्यमंत्री न बन पाने का मलाल है। उनका यह दर्द एक बार फिर मीडिया के माध्यम से सबके सामने आया है। विदित हो कि गत दिनों सदन में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष व विधायक प्रीतम सिंह ने कहा कि प्रदेश का मुख्यमंत्री हरक सिंह रावत को बनना चाहिए था। कांग्रेस अध्यक्ष के इस बयान पर मीडिया को प्रतिक्रिया देते हुए काबिना मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष के रूप में उनके द्वारा जनहित से जुड़े मुद्दो को सदन से लेकर सड़क तक जोरदार ढंग से उठाया था, जिसके चलते ही 2012 में प्रदेश के अंदर कांग्रेस की सरकार बनी थी। इसे अपना दुर्भाग्य बताते हुए कहा कि यदि उस समय प्रीतम सिंह व इन्दिरा ह्दयेश के द्वारा उनका साथ दिया गया होता, तो प्रदेश के मुख्यमंत्री वही होते।