देहरादून,( गढ़वाल का विकास न्यूज)। कल्पना कीजिए की आपको काम करने की एक ऐसी जगह मिले जहां से आपको भव्य हिमालय के भी दर्शन हो जाएं, आप अपने बैडरूम से कभी भी उठकर अपने वर्क स्टेशन तक पहुंच जाएं, जब आप बिज़नेस काॅल पर व्यस्त हों तो घर से उठती आवाजें आपकी बात में व्यवधान न पहुंचाएं और आप ऊर्जा व प्रसन्नता से भरपूर रहते हुए उम्दा काम कर पाएं। कितनी अच्छी कल्पना लगती है न? पर अगर हम यह कहें कि ऊपर कही सभी बातें संभव हैं और आप यह सब अनुभव कर सकते हैं तो?
महामारी के इस दौर से पहले जब भी आपके बाॅस ’वर्क फ्राॅम होम’ की अनुमति देते थे तो यह किसी वरदान जैसा लगता था। उन दिनों घर से काम करने की राहत कर्मचारियों के लिए दुर्लभ हुआ करती थी, लेकिन महामारी के बाद से चीजें बदलने लगी हैं, घर से काम करना अब ’न्यू नाॅर्मल’ कहलाता है, और यह बहुत उबाऊ भी हो गया है। अगर आप घर से काम करने की इस दिनचर्या से उकता चुके हैं तो उत्तराखंड पर्यटन के पास आपके लिए एक अत्यंत आकर्षक प्रस्ताव है- पर्वतों पर बैठ कर काम करने का।
उत्तराखंड पर्यटन ’वर्केशन’ का अनूठा काॅन्सेप्ट लेकर आया है यानी काम $ विश्राम। जी हां, अब आप उत्तराखंड में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए वर्केशन की योजना बना सकते हैं और हरे भरे विशाल पर्वतों, शीतल मौसम, ताज़ा हवा और मनमोहक दृश्यों के बीच होमस्टे में रहते हुए अपने दफ्तरी काम कर सकते हैं। साथ में आपको ताज़ा व आॅर्गेनिक ढंग से उगाए मौसमी सब्जी-फलों का आनंद भी मिलेगा स्थानीय व्यंजनों के रूप में। यहां आप अपने क्लांत नेत्रों को आराम दे पाएंगे, आपकी आत्मा मंत्रमुग्ध हो जाएगी और आपकी काम करने की क्षमता में भी वृद्धि होगी। उत्तराखंड में बहुत से होमस्टे, होटल और रिसाॅर्ट हैं जो आगंतुकों को खुशनुमा और बजट के मुताबिक वर्केशन पैकेज दे रहे हैं जिन्हें अतिथियों की मांग के मुताबिक भी तैयार किया जा सकता है। यहां आकर आपको सुहावने मौसम, असीमित आउटडोर, मजेदार गतिविधियों (जैसे पर्वतारोहण, साइकिल चलाने, पक्षियों और सितारों को निहारने आदि) का लाभ भी मिलेगा।
उत्तराखंड में वर्केशन के बारे में उत्तराखंड पर्यटन के सचिव दिलीप जावलकर ने कहा, ’’वर्केशन का काॅन्सेप्ट कुछ समय से लोकप्रिय होने लगा है। लोग कोविड-19 की वजह से घरों से काम कर रहे हैं ऐसे में यह काॅन्सेप्ट बहुत राहत देने वाला प्रतीत होता है और यह काम को विश्राम के साथ मिलाने का शानदार मौका भी देता है। उत्तराखंड पर्यटन बहुत सोच समझ कर आगंतुकों के लिए यह काॅन्सेप्ट लेकर आया है। जिम काॅर्बेट, लैंसडाउन, मसूरी, कौसानी, देहरादून, नैनीताल, अल्मोड़ा आदि जगहों पर बहुत से खूबसूरत होटल, रिसाॅर्ट और होमस्टे मौजूद हैं।’’
उन्होंने आगे कहा, ’’उत्तराखंड में सभी वर्केशन स्पाॅट स्वर्ग जैसे सुंदर स्थलों पर स्थित हैं, जहां से हर ओर पहाड़ों का मनोरम दृश्य दिखाई देता है जिससे शरीर, मन और आत्मा तीनों को स्वास्थ्यवर्धक सुकून प्राप्त होता है। जो खासियतें इन वर्केशन स्थलों को कार्य योग्य बनाती हैं उनमें शामिल हैं- हाईस्पीड इंटरनेट कनेक्टिविटी, पावर बैकअप, आरामदेयता, चिकित्सा व फस्र्ट ऐड सुविधाएं, ताज़ा भोजन, रूम सर्विस आदि तथा साथ ही सुरक्षा के सभी दिशानिर्देशों, नियमों और कोविड के खास प्रोटोकाॅल का पालन किया जा रहा है, और अब तो दूसरे राज्यों से आने वाले सभी पर्यटक बिना किसी रुकावट के उत्तराखंड आ सकते हैं। बस उन्हें इतना करना है कि स्मार्ट सिटी पोर्टल पर अपना पंजीकरण कराएं और कोविड-19 निगेटिव रिपोर्ट के बगैर भी उत्तराखंड में प्रवेश कर सकते हैं।’’
कोविड-19 महामारी ने ’वर्क फ्राॅम होम’ को न्यू नाॅर्मल बना दिया है, अब उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड ने एक कदम आगे बढ़ते हुए इस न्यू नाॅर्मल में एक आकर्षक इज़ाफा कर दिया है। शानदार वर्केशन लोकेशन की पेशकश के अलावा पर्यटन बोर्ड शीघ्र ही ’टूरिस्ट इन्सेंटिव कूपन’ स्कीम जारी करेगा। बहुत विचार कर के तैयार की गई इस स्कीम के तहत कम से कम 3 तीनों के लिए उत्तराखंड आने वाले पर्यटकों होटल/होमस्टे में बुकिंग करते वक्त रु. 3,000 का डिस्काउंट दिया जाएगा।
वर्केशन पर अतिथियों को सेवा देने के अनुभव के बारे में जाख स्थित फारअवे रेंज़ रिसाॅर्ट के ऋषि ने कहा, ’’अब तक हम राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र से 6 भिन्न परिवारों और उत्तराखंड से 5 परिवारों की मेहमान नवाज़ी कर चुके हैं जो वर्केशन के विचार से यहां आए थे। दफ्तरों में काम करने वाले लोग अपनी काॅल अटेंड कर रहे थे और बच्चे आॅनलाइन कक्षाएं कर रहे थे। एक परिवार को तो यह काॅन्सेप्ट इतना पसंद आया कि उन्होंने 1 हफ्ते के स्टे को बढ़ाकर 24 रातों का स्टे कर लिया। इस काॅन्सेप्ट के चलते अगस्त में 44 प्रतिशत औसत आॅकुपेंसी रही। यह आंकड़ा बीते साल के मई से भी ज्यादा है।’’
नैनीताल के पावलगढ़ गांव में ईको हैरीमैन्स होमस्टे चलाने वाले विकी मनराल को 20 से ज्यादा पेशेवरों से काॅल आई है। वह कहते हैं, ’’कोविड महामारी के बीच वर्केशन एक नया ट्रैंड बन गया है। दफ्तरों में काम करने वाले जो लोग वर्क फ्राॅम होम से ऊब चुके हैं वे बदलाव चाहते हैं और रमणीय स्थल पर कुछ दिन बिताना चाहते हैं। बीते दिनों में बहुत से लोगों ने हमारे होमस्टे में बुकिंग में दिलचस्पी दिखाई है और अब हमारा होमस्टे अगले कुछ महीनों तक लोगों का वर्केशन रहेगा।’’