देहरादून/अल्मोड़ा। सूबे के छात्रों को बेहतर शिक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने उत्तराखंड सरकार चाहे कितने ही दावे क्यों न कर ले, लेकिन हकीकत इसके विपरीत ही है। कही स्कूली भवन जर्जर हालत में है, तो कही शिक्षक न होने के कारण बच्चों का भविष्य अंधकारमय हो रखा है।
सूबे की शिक्षा व्यवस्था का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि स्कूली बच्चों को अपना भविष्य बनाने के लिए शिक्षको की कमी को पूरा करने के लिए हाईकोर्ट की शरण लेने पर विवश होना पड़ा है। जी हां यह सच है अल्मोड़ा ज़िले के मासी इंटर कॉलेज में शिक्षकों की कमी पर अब छात्रों ने हाई कोर्ट की शरण ली है। दरअसल राज्य सरकार से शिक्षक भेजने की मांग करके थक चुके छात्र-छात्राओं को राज्य में स्कूलों की खस्ताहाल सुधारने के लिए सख्त रुख अपना रहे हाईकोर्ट से उम्मीद नज़र आई।
अल्मोड़ा के मासी इंटर कॉलेज में 20 से ज्यादा गांवों के छात्र-छात्राएं पढ़ने आते हैं लेकिन यहां इन्हें पढ़ाने के लिए शिक्षक ही नहीं हैं। पिछले कुछ सालों से शिक्षकों की कमी झेल रहे मासी इंटर कॉलेज में न तो गणित का अध्यापक है और न ही विज्ञान और अंग्रेजी जैसे महत्वपूर्ण विषय के प्रवक्ता हैं। अपने भविष्य के प्रति चिंताकुल विद्यार्थियों ने हाईकोर्ट से अपील की है कि वह स्कूल में जल्द से जल्द शिक्षक नियुक्त करने के लिए पहल करे। ज़ाहिर है इन बच्चों को उम्मीद है कि सरकार के कान तक बात कोई पहुंचा सकता है तो वह हाईकोर्ट ही है।