देहरादून। उत्तराखंड में मोदी की सुनामी में सत्तारूढ़ कांग्रेस साफ हो गई है। प्रदेश की जनता ने भाजपा को ऐसा प्रचंड बहुमत दिया है कि प्रदेश में कांग्रेस 11 सीटों में सिमट कर रह गई है। यही नहीं मुख्यमंत्री हरीश रावत को भी हार का मुंह देखना पडा है। विधानसभा चुनाव के नतीजों से साफ है कि प्रदेश की जनता ने भाजपा को 57 विधानसभा सीटों पर भरपूर प्यार दिया है। राज्य गठन के बाद पहली बार किसी पार्टी को प्रचंड बहुमत मिला है। कहा जा रहा है कि विधानसभा चुनावों के ये नतीजे कांग्रेस के लिए ही नहीं बल्कि भाजपा के लिए भी अप्रत्याशित हैं। भाजपा को इस बार 2014 के लोकसभा चुनाव से करीब 10 फीसद कम मत मिले हैं। तीन चौथाई से भी बहुत अधिक बहुमत की प्रचंड आंधी में मुख्यमंत्री हरीश रावत दोनों विधानसभा सीटों हरिद्वार ग्रामीण और किच्छा से हार गए हैं। उनकी कैबिनेट के महज केवल तीन मंत्री हल्द्वानी विस क्षेत्र से डॉ. इदिरा हृदयेश चकराता विस क्षेत्र से प्रीतम सिंह और धनौल्टी विधानसभा सीट से प्रीतम पंवार जीते हैं। प्रीतम पंवार निर्दलीय प्रत्याशी थे। इस चुनाव की दिलचस्प बात यह भी है कि कांग्रेस, भाजपा और उक्रांद तीनों दलों के प्रदेश अध्यक्षों को भी हार का सामना करना पड़ा है।
सीएम रावत ने दिया इस्तीफा
देहरादून। विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद मुख्यमंत्री हरीश रावत ने आज शाम इस्तीफा दे दिया। शनिवार को अपराह्न तीन बजे के करीब मुख्यमंत्री हरीश रावत राजभवन पहुंचे और उन्होंने राज्यपाल डॉ. कृष्ण कांत पॉल को त्यागपत्र सौंप दिया। राज्यपाल ने उन्हें नई सरकार के शपथग्रहण तक कार्यवाहक मुख्यमंत्री के तौर पर बने रहने को कहा है।
लोहाघाट का परिणाम रोका, एक बूथ पर 15 को पुनर्मतदान
देहरादून। मतगणना के दौरान एक ईवीएम न खुल पाने के कारण लोहाघाट विधानसभा क्षेत्र के बूथ संख्या 128 पर 15 मार्च को पुनर्मतदान होगा। निर्वाचन आयोग ने तब तक के लिए इस सीट के नतीजे को रोक लिया है। बूथ संख्या 128-राजकीय इण्टर कालेज करणकरायत की ईवीएम में परिणाम प्रदर्शित न किए जाने के कारण यह फैसला लिया गया है। इस बूथ की काउंटिंग 15 मार्च को शाम 6 बजे होगी और उसके बाद परिणाम घोषित किया जाएगा। इस विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के पूर्ण सिंह फत्र्याल और कांग्रेस के खुशाल सिंह के बीच कड़ी टक्कर दिख रही थी। फत्र्याल को जहां 26468 मत मिल चुके थे, वहीं खुशाल सिंह को 26320 मत मिल चुके थे।