उत्तराखंड बजट सत्र: वित्त मंत्री ने किया कर मुक्त बजट पेश

देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा का बजट सत्र आज से शुरू हो गया। सत्र के पहले दिन सरकार की ओर से राज्य का पहला पेपर लेस बजट पेश किया गया। इस दौरान सरकार की ओर से बजट को सबका साथ सबका विकास पर आधारित बताया गया है।
बजट सत्र के पहले दिन वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने सदन में वर्ष 2017-18 के बजट प्रावधान को पेश किया गया। पंत ने सदन में 39957.79 करोड़ का कर मुक्त, घाटा रहित, पेपर लैस पहला बजट पेश कर दिया। वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने अर्थववेद की सूक्ति से अपना बजट भाषण शुरू किया। बीच-बीच में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की कविताओं के अंश भी पढ़े। वित्त मंत्री ने बजट पेश करते हुए कहा किराज्य सरकार ने इस वर्ष आय और व्यय का संतुलन बना लिया है। वर्ष 2017-2018 में कोई राजस्व घाटा अनुमानित नहीं है। हालांकि राजकोषीय घाटा 5471.2 करोड़ है, जो राज्य के सकल घरेलू उत्पाद का 2.37 प्रतिशत ही है। यह राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन के अधिनियम की तीन फीसद की सीमा के भीतर है।वित्तमंत्री प्रकाश पंत ने कहा कि राज्य सरकार भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस को लेकर प्रतिबद्ध है। सभी सरकारी कार्यालयों में हाजिरी के लिए बायोमीट्रिक पण्राली लागू की जाएगी। फाइलों के समयबद्ध निस्तारण के लिए ई-फाइलिंग की व्यवस्था लागू की जाएगी। सिंचाई सुविधाओं में विस्तार के लिए आधुनिक तकनीकों का प्रयोग किया जाएगा। प्राकृतिक जलचक्र की निरंतरता को बनाए रखने के लिए वष्ा जल संग्रहण हेतु जल नीति लाई जाएगी। राज्य में सभी को 24 घंटे बिजली उपलब्ध कराने के लिए युद्धस्तर पर प्रयास किए जाएंगे। सरकार केंद्र के 2019 तक हर गांव को बिजली से आच्छादित करने के लक्ष्य के प्रति प्रतिबद्ध है। जल विद्युत उत्पादन में रन आफ द रिवर प्रोजेक्टों की वरीयता दी जाएगी ताकि नदियों का प्रवाह अविरल बना रहे। वैकल्पिक ऊर्जा स्रेत को बढ़ावा दिया जाएगा। वित्तमंत्री ने सदन में कहा कि अगले 5 वर्षो में वैकल्पिक ऊर्जा से कुल मांग का 10 प्रतिशत सुनिश्चित किया जाएगा। बंद पड़ी विद्युत परियोजनाओं को प्राथमिकता के आधार पर शुरू करने का प्रयास किया जाएगा। केन्द्र सरकार की तर्ज पर राज्य में भी सड़कें निर्माण कायरे की गति दी जाएगी। 2019 तक सभी गांवों को सड़क सुविधा से जोड़ा जाएगा। वित्तमंत्री मंत्री सदन में कहा कि जौलीग्रांट, पंतनगर, नैनी-सैनी, चिन्यालीसौड़ व गौचर हवाई अड्डों की सुविधाओं में विस्तार कर नई हवाई सेवाएं शुरू करने के लिए प्रयास किए जाएंगे। वित्तमंत्री ने बताया कि राज्य के नगर निकायों को सुदृढ़ किया जाएगा एवं वित्तीय वर्ष 2017-2018 में वार्षिक अनुदान की राशि को 254.11 करोड़ से बढ़ाकर 578.03 कर दिया गया है।वित्तमंत्री प्रकाश पंत ने कहा कि हिमालयन इंस्टीट्यूट को पूर्ण संचालित किया जाएगा एवं इसमें राज्य आंदोलनकारियों हेतु एक गैलरी स्थापित की जाएगी। उत्तराखंड राज्य में स्टार्टअप नीति 2017 के अनुरूप निवेशकों को लाभ दिया जाएगा। 2017-2018 में इनवेस्टर मीट का आयोजन किया जाएगा। राज्य में निवेश के उचित वातावरण के सृजन एवं निवेशकों को आवश्यक सुविधाएं आदि समयबद्ध रूप से उपलब्ध कराने एवं नीतिगत तथा प्रक्रियात्मक सुधार करने हेतु कंसलटेंट एवं एकल खिड़की व्यवस्था के क्रियान्वयन हेतु धनराशि की व्यवस्था की गई है। हल्द्वानी राजकीय मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की 50 सीटों की बढ़ोत्तरी के लिए धनराशि केन्द्र सरकार द्वारा स्वीकृत की गई है, जिसमें से 30 प्रतिशत धनराशि राज्य सरकार द्वारा प्रदान की जाएगी। आय-व्यय में धनराशि की व्यवस्था की गई है।315 593.8 करोड़ रुपये की राजस्व आय के सापेक्ष 39957.79 करोड़ का व्यय अनुमानित : वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने आय-व्यय का ब्योरा देते हुए कहा कि 315593.8 करोड़ रुपये की राजस्व आय के सापेक्ष 39957.79 करोड़ का व्यय अनुमानित है। उन्होंने 2016-17 के आय-व्यय के अनुमान में कर राजस्व 18 हजार 1 सौ 31.13 करोड़ के सापेक्ष वर्ष 2017-2018 में 15.23 प्रतिशत वृद्धि सहित 20 हजार 893.79 करोड़ की प्राप्ति की संभावना जताई। वित्तमंत्री के अनुसार करेत्तर राजस्व में 24 2 लाख 4 सौ 68.71 करोड़ प्राप्ति का अनुमान प्रस्तुत किया है। इसी प्रकार 2016-2017 के 39 लाख 9 सौ 12.1करोड़ प्राप्तियों के सापेक्ष 2017-2018 में 39 हजार 8 सौ 56.13 करोड़ का अनुमान जताया है। उन्होंने बताया कि 2017-2018 में राजस्व व्यय 31 हजार 5 सौ 50.83 करोड़ अनुमानित है,जो कुल व्यय का 78 प्रतिशत है। उन्होंने सदन को बताया कि 2017-2018 में पूंजीगत व्यय 8406.96 करोड़ रुपये अनुमानित है,जो कुल व्यय का 21.4 प्रतिशत है। इससे पहले विपक्ष के हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही को दो बार रोकना पड़ा। बता दे 9 जून को बजट पर सामान्य चर्चा की जाएगी। 10 और 11 जून के अवकाश के बाद 12 जून को बजट पर सामान्य चर्चा होगी। 13 जून से 15 जून तक विभागवार अनुदान मांगों के प्रस्तुतिकरण के साथ ही इन पर चर्चा एवं मतदान कराया जाएगा। 15 जून को ही विनियोग विधेयक पारित कराया जाएगा। 16 जून को विधायी कार्य व असरकारी कार्य किए जाएंगे। 17 व 18 जून को अवकाश रहेगा। 19 व 20 जून को विधायी कार्य किए जाएंगे

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