देहरादून। एक जुलाई से प्रदेश में मनोरंजन कर विभाग का अस्तित्व मिट जाएगा। जीएसटी लागू होने के बाद यह अब एक अलग विभाग नहीं रह जाएगा, बल्कि वाणिज्य कर विभाग में विलय हो जाएगा। मौजूदा वक्त में इस विभाग के अधिकारी अलग से काम करते हैं लेकिन एक जुलाई से उन्हें वाणिज्य कर विभाग के मातहत होना होगा। इस पूरा प्रक्रिया के लिए शासन में कवायद चल रही है। इसी तरह जिलों में मनोरंजन कर विभाग का जिलों की वाणिज्यकर विभाग की इकाइयों में विलय हो जाएगा। वित्त मंत्री प्रकाश पंत का कहना है कि चूंकि जीएसटी में वाणिज्यकर व मनोरंजन कर दोनों शामिल हैं। इसलिए मनोरंजन कर का वाणिज्यकर विभाग में विलय कर दिया जाएगा। जैसे-जैसे मनोरंजन कर विभाग के अधिकारी व स्टाफ सेवानिवृत्त होते जाएंगे। वैसे वैसे यह कैडर व पद भी खत्म हो जाएंगे। हालांकि पंचायतों, नगर निकायों व जिलो में मनोरंजन कर लिया जाता रहेगा। बता दें कि मनोरंजन कर सिनेमा, वीडियो शॉप, केबल टीवी ऑपरेटरो, डीटीएचस मनोरंजन गतिविधियों, पार्लर, प्रदर्शनी, सौंदर्य प्रतियोगिताओं व खेलों पर लगता है। मनोरंजन कर विभाग को केबल टीवी नेटवर्क व डीटीएच से सबसे अधिक कर मिलता है। एक जुलाई से कर जीएसटी के तहत वसूला जाना है। उत्तराखंड में देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर, हल्द्वानी आदि में मल्टीप्लेक्स बनने से कर की वसूली बढ़ी है। देखना यह है कि जीएसटी के तहत कर वसूली पर क्या असर पड़ता है।