देहरादून। शिक्षकों की कमी से जूझ रहा शिक्षा विभाग हाईकोर्ट के फैसले का इंतजार कर रहा है। अतिथि शिक्षकों की बहाली का आदेश मिलते ही नियुक्ति प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। कोर्ट के आदेश से विभाग को तत्काल 3000 शिक्षकों की कमी दूर करने का अवसर मिल गया है।
शिक्षकों की स्थाई नियुक्ति में समय लगने की वजह से विभाग के सामने यही सबसे उपयुक्त विकल्प भी था कि किसी तरह कोर्ट से अतिथि शिक्षकों की बहाली का आदेश हो जाए। प्रदेशभर के स्कूलों में शिक्षकों की कमी की वजह से अधिकारी अतिथियों की नियुक्ति चाहते थे। खासकर पर्वतीय क्षेत्र के स्कूलों में शिक्षकों कमी की वजह से जनप्रतिनिधियों का भी विभाग पर भारी दबाव बना हुआ है। इस दबाव को देखते हुए विभागीय अधिकारियों ने कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए इस बात पर जोर दिया कि अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति का आदेश मिल जाए। बहरहाल विभाग को कोर्ट से उतनी राहत नहीं मिल पायी, जितनी अफसर चाहते थे। कोर्ट यदि सभी अतिथि शिक्षकों की पुनर्नियुक्ति के लिए राजी हो जाता तो विभाग को करीब छह हजार अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति कर सकता था, लेकिन सिर्फ एलटी संवर्ग में पढ़ा रहे अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति के आदेश से अब 3000 शिक्षकों की कमी ही पूरी की जा सकेगी। कोर्ट के सख्त रुख को देखते हुए विभागीय अफसर अब शिक्षकों की स्थाई नियुक्ति के लिए पूरा जोर लगा रहे हैं। कोर्ट के द्वारा अतिथियों को मार्च 2018 तक ही नियुक्त रखने के आदेश है। ऐसे में यदि विभाग समय पर नियुक्तियां नहीं कर पाया तो अगले शिक्षा सत्र से फिर से दिक्कतें आएंगी। इसलिए विभाग जल्दी ही शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने के लिए बड़े स्तर पर अभियान चलाने की तैयारी कर रहा है। निदेशक शिक्षा ने कहा कि हम कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रहे हैं। आदेश मिलते ही अतिथि शिक्षकों को तैनाती दे दी जाएगी। करीब 3000 अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति से काफी हद तक स्कूलों के संचालन में आसानी हो जाएगी।